SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 847
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 13.8 स्वमूल्यांकन एवं प्रश्नसूची क्र. 1) 2) 3) 4) 5) 6) 7) 8) (Self Assessment : A questionnaire ) कृपया सही विकल्प का चुनाव कर उसका नम्बर नीचे प्रश्नसूची में भरें। प्रश्न विकल्प - अल्प - @ ठीक ? अच्छा 3 बहुत अच्छा @ पूर्ण क्या आप आध्यात्मिक विकास की अवधारणा को जानते हैं? क्या आप साध्य के स्वरूप को जानते हैं? क्या आप साधन के स्वरूप को जानते हैं? 741 क्या आप साधक के स्वरूप को जानते हैं? क्या आप आध्यात्मिक जीवन के विविध स्तरों को जानते हैं? क्या आप सम्यग्दर्शन एवं मिथ्यादर्शन के स्वरूप को भलीभाँति जानते हैं? क्या आप सम्यग्ज्ञान एवं मिथ्याज्ञान के स्वरूप को भलीभाँति जानते हैं? क्या आप सम्यक्चारित्र एवं मिथ्याचारित्र के स्वरूप को भलीभाँति जानते हैं? क्या आप मोक्ष के स्वरूप को जानते हैं? 9) 10) क्या आप 'मोक्ष में ही परम सुख है इस अवधारणा से सहमत हैं? 11) क्या आप विश्व व्यवस्था यानि षद्रव्य एवं नवतत्त्वों को जानते हैं? विकल्प - कभी नहीं → 0 कदाचित् 12) क्या आप साधना में उपस्थित रहते हैं? I SON O 13) क्या आप अन्तर्मुखी होने का अभ्यास करते हैं? 14) क्या आप मोह की अल्पता रखते हैं? 15) क्या आप उपदेश श्रवण करते हैं? 16) क्या आप तत्त्वों का विशेष चिन्तन-मनन एवं अनुभूति करते हैं? 17) क्या आप सदाचार (व्यवहार चारित्र) का पालन करते हैं? 18) क्या आप अनन्तानुबन्धी कषाय से निवृत्ति का प्रयत्न करते हैं? 19) क्या आप अप्रत्याख्यानी कषाय से निवृत्ति का प्रयत्न करते हैं ? 20) क्या आप प्रत्याख्यानी कषाय से निवृत्ति का प्रयत्न करते हैं? कुल वर्त्तमान में प्रबन्धन का स्तर भविष्य में अपेक्षित प्रबन्धन Jain Education International कभी-कभी 3 अक्सर +4 हमेशा 5 अध्याय 13: आध्यात्मिक-विकास-प्रबन्धन For Personal & Private Use Only 0-20 21-40 41-60 61-80 81-100 अल्प ठीक अच्छा बहुत अच्छा पूर्ण अत्यधिक अधिक अल्प अल्पतर अल्पतम उत्तर कुल सन्दर्भ पृ. क्र. 7 8 9 11 30 31 * 27 27 32 1231 2011 11 39 40 40 41 42 42 42 45 www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy