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________________ 9.7 स्वमूल्यांकन एवं प्रश्नसूची (Self Assessment : A questionnaire) कृपया सही विकल्प का चुनाव कर उसका नम्बर नीचे प्रश्नसूची में भरें। क्र. प्रश्न उत्तर सन्दर्भ पृ. क्र. विकल्प- अल्प→0 ठीक-© अच्छा-9 बहुत अच्छा पूर्ण-७ 1) क्या आप समाज के स्वरूप को जानते हैं? 2) क्या आप समाज को महत्त्व देते हैं? 3) क्या आप समाज के प्रकारों को जानते हैं? विकल्प- हाँ-0 नहीं4) क्या आपको आर्थिक असन्तोष रहता है? 5) क्या आप ऊँच-नीच का भेद-भाव रखते हैं? क्या आप अन्धविश्वास एवं अन्धरूढ़ियों से जीते हैं? क्या आप मादक-द्रव्यों का सेवन करते हैं? विकल्प- कभी नहीं-0 कदाचित्-0 कभी-कभी-® अक्सर-9 हमेशा-G 8) क्या आप परिवार में शान्ति रखने में निमित्त बनते हैं? 9) क्या आप परिवार में सुसंस्कारों का संरक्षण करने में निमित्त बनते हैं? 10) क्या आप परिवार की प्रगति में सहयोगी बनते हैं? 11) क्या आपकी मनोवृत्ति में निर्मलता रहती है? 12) क्या आप सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं? 13) क्या आप मैत्री, प्रमोद, करूणा एवं माध्यस्थ भावना रखते हैं? 14) क्या आप अनेकान्त दृष्टिकोण (वैचारिक सहिष्णुता) रखते हैं? 15) क्या आप स्वार्थ, परार्थ एवं परमार्थ में पारस्परिक सामंजस्य रखते हैं? 16) क्या आप काम एवं अर्थ के भावों पर नियन्त्रण रखते हैं? 17) क्या आप Sense of duty से जीते हैं? 18) क्या आप दूसरों के कार्यों में सहयोग करते हैं? 19) क्या आप क्षमा माँगने एवं देने की तैयारी रखते हैं? 20) क्या आप परेच्छाचारी बनकर जीते हैं? कुल कुल 0-20 21-40 41-60 61-80 81-100 वर्तमान में प्रबन्धन का स्तर अल्प ठीक अच्छा बहुत अच्छा पूर्ण भविष्य में अपेक्षित प्रबन्धन अत्यधिक अधिक अल्प अल्पतर अल्पतम 36 जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व 526 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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