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________________ 7.9 स्वमूल्यांकन एवं प्रश्नसूची (Self Assessment : A questionnaire) कृपया सही विकल्प का चुनाव कर उसका नम्बर नीचे प्रश्नसूची में भरें। क्र. प्रश्न उत्तर सन्दर्भ पृ. क्र. 7) 12) विकल्प- अल्प-0 ठीक-@ अच्छा-® बहुत अच्छा-@ पूर्ण-७ क्या आप मन के स्वरूप को जानते हैं? । 2) क्या आप जीवन में मन को महत्त्व देते हैं? 3) क्या आप तनाव के स्वरूप को जानते हैं? 4) क्या आप मानसिक-विकार एवं उसके दुष्परिणामों को जानते हैं? विकल्प- हमेशा-अक्सर- कभी-कभी-® कदाचित्-@ कभी नहीं5) क्या आपको जैविक कारक से मानसिक-विकार चलते हैं? 6) क्या आपको मनःसामाजिक कारक से मानसिक-विकार चलते हैं? क्या आपको सामाजिक-सांस्कृतिक कारक से मानसिक-विकार चलते हैं? 8) क्या ज्ञानावरण एवं दर्शनावरण कर्म के उदय से प्रभावित होकर मानसिक-विकार चलते हैं? क्या आपको मोहनीय कर्म के उदय से प्रभावित होकर मानसिक-विकार चलते हैं? क्या आपको अन्तराय कर्म के उदय से प्रभावित होकर मानसिक-विकार चलते हैं? 11) क्या आपको वेदनीय कर्म के उदय से प्रभावित होकर मानसिक-विकार चलते हैं? क्या नाम एवं गोत्र कर्म के उदय से प्रभावित होकर मानसिक-विकार चलते हैं? 13) क्या आपको आयुष्य कर्म के उदय से प्रभावित होकर मानसिक-विकार चलते हैं? विकल्प- कभी नहीं-0 कदाचित- कभी-कभी-9 अक्सर-@ हमेशा-6 14) क्या आप परिवर्तन-तकनीक का उपयोग करते हैं? 15) क्या आप विसर्जन-तकनीक का उपयोग करते हैं? 16) क्या आप समता द्वारा तनाव-मुक्ति करते हैं? 17) क्या आप ध्यान द्वारा तनाव-मुक्ति करते हैं? 18) क्या आप कायोत्सर्ग द्वारा मानसिक-प्रबन्धन करते हैं? 19) क्या आप स्वाध्याय द्वारा मानसिक-प्रबन्धन करते हैं? 20) क्या आप आलोचना/प्रतिक्रमण/प्रत्याख्यान द्वारा मानसिक-प्रबन्धन करते हैं? 21) क्या आप परमात्म-भक्ति द्वारा मानसिक-प्रबन्धन करते हैं? 22) क्या आप अहिंसा, अपरिग्रह एवं अनेकान्त-दृष्टि द्वारा मानसिक-प्रबन्धन करते हैं? 23) क्या आप आत्म-ज्ञान एवं आत्म-दायित्व के बोध द्वारा मानसिक-प्रबन्धन करते हैं? क्या आप व्रतों द्वारा मानसिक-प्रबन्धन करते हैं? विकल्प- चतुर्थ-0 तृतीय- द्वितीय-® प्रथम- कोई नहीं-6 25) आप मानसिक-विकारों के दुष्परिणामों की कौन-सी अवस्था से ग्रस्त हैं? 24) कुल कुल 0-25 26-50 51-75 76-100 101-125 वर्तमान में प्रबन्धन का स्तर अल्प ठीक अच्छा बहुत अच्छा पूर्ण भविष्य में अपेक्षित प्रबन्धन अत्यधिक अधिक अल्प अल्पतर अल्पतम 421 अध्याय 7 : तनाव एवं मानसिक विकारों का प्रबन्धन 59 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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