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________________ 6.9 स्वमूल्यांकन एवं प्रश्नसूची (Self Assessment : A questionnaire) कृपया सही विकल्प का चुनाव कर उसका नम्बर नीचे प्रश्नसूची में भरें। क्र. प्रश्न उत्तर सन्दर्भ पृ. क्र. 4) क्या 18 विकल्प- अल्प-0 ठीक-© अच्छा-® बहुत अच्छा-@ पूर्ण-- 1) क्या आप अभिव्यक्ति के स्वरूप को जानते हैं? 2) क्या आप जीवन में अभिव्यक्ति को महत्त्व देते हैं? 3) क्या आप असंयमित भाषा की अभिव्यक्ति के दुष्परिणामों को जानते हैं? क्या आप नय-निक्षेप के सिद्धान्तों को जानते हैं? विकल्प- हमेशा-0 अक्सर- कभी-कभी-ॐ कदाचित- कभी नहीं5) क्या आप भाषा की अभिव्यक्ति का दुरुपयोग करते हैं? 6) क्या आप अप्रिय वचन का उपयोग करते हैं? 7) क्या आप हिंसक शब्दों का प्रयोग करते हैं? 8) क्या आप किसी पर व्यंग्य कसते हैं या किसी की मजाक उड़ाते हैं? 9) क्या आप निन्दा/झूठा दोषारोपण/कान भरना/कलह/चुगलखोरी करते हैं? 10) क्या आप पारस्परिक मनमुटाव में मौन हो जाते हैं? 11) क्या आप अवक्तव्य सत्य-भाषा बोलते हैं? 12) क्या आप अनाचीर्ण व्यवहार-भाषा बोलते हैं? विकल्प- कभी नहीं-0 कदाचित्- कभी-कभी-9 अक्सर-9 हमेशा-७ 13) क्या आप असंवाद (मौन) एवं अतिसंवाद (वाचालता) पर सम्यक् नियंत्रण रखते हैं? 14) क्या आप भाषा-समिति का पालन करते हैं? 15) क्या आपसे जो पूछा जाए, उसका जवाब सही देते हैं? 16) क्या आप आवश्यकतानुसार बोलते हैं? 17) क्या आप गलती होने पर क्षमायाचना करते हैं? 18) क्या आप शिष्टतापूर्ण व्यवहार करते हैं? 19) क्या आप मौन के योग्य स्थान पर मौन रहते हैं? 20) क्या आप बोलने और सुनने में सन्तुलन रखते हैं? -36 प्रय । कुल कुल 0-2021-4041-60 61-80 81-100 वर्तमान में प्रबन्धन का स्तर अल्प ठीक अच्छा बहुत अच्छा पूर्ण भविष्य में अपेक्षित प्रबन्धन अत्यधिक अधिक अल्प अल्पतर अल्पतम 54 जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व 358 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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