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________________ इसी प्रकार प्रदूषित जल में विद्यमान अवांछित रासायनिक पदार्थों से भी अनेक प्रकार के रोग होने की सम्भावनाएँ बढ़ जाती हैं। 74 जल-मिश्रित रासायनिक पदार्थ 1) मलजल में मिले कार्बनिक / अकार्बनिक पदार्थ 2) कैल्शियम एवं मैग्नीशियम सल्फेट 3) सोडियम एवं पोटेशियम 4) फ्लोराइड 5) सल्फाइड 6) क्लोराइड 7) अमोनिया 8) यूरिया 9) क्लोरीन 10 11) तेल एवं चिकनाई ( ग्रीस) 12) सायनाइड 13) पारा (14) 15) क्रोमियम 1902300 17 ) रंग तथा रंगयुक्त रंजक 18 ERINA POR 19) कीटनाशक दवाई 24 जल प्रदूषण से उत्पन्न होने वाले रोग 75 Jain Education International पाचन तन्त्र के रोग आँतों में जलन एवं म आयनिक असंतुलन दाँतों का रोग श्वास के रोग सम्भावित रोग एवं विकार हृदय, गुर्दों एवं पाचन तन्त्र के रोग श्वास के रोग हृदय एवं गुर्दों के रोग श्वास के रोग श्वास के रोग पाचन तन्त्र के रोग जहरीला प्रभाव गुर्दों, हृदय एवं तंत्रिका - तन्त्र के रोग गुर्दों के रोग आँतों के घाव (अल्सर) यद्यपि अनेक प्रकार के रासायनिक पदार्थ अल्प मात्रा में प्राकृतिक रूप से जल में विद्यमान होते हैं, परन्तु जब इनकी मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है, तब ये शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, जैसे – फ्लोराइड की मात्रा एक मिलीग्राम / लीटर से अधिक हो जाने पर दाँतों में खुरदुरापन, पीलापन एवं छेद हो जाते हैं। अतः शरीर - प्रबन्धन के लिए ऐसे जल का त्याग करना चाहिए । मांसपेशियों में ऐंठन (खिंचाव) | गुर्दों एवं हृदय का रोग तथा जोड़ों का चर्मरोग, अनिद्रा तथा सिरदर्द चर्मरोग चर्मरोग, सिरदर्द, अनिद्रा एवं फेफड़ों तथा गुर्दों के रोग पीने के अतिरिक्त भी मानव प्रदूषित जल के सम्पर्क में आता है। नदी, तालाब, बावड़ी, नहर, झरने आदि में नहाना मानवीय शौक है, परन्तु इसमें भी अनेक प्रकार के परजीवी जन्तु (Parasitic ) जीवन- प्रबन्धन के तत्त्व For Personal & Private Use Only 250 www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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