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________________ 148 वही, पृ. 25 182 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 149 Organization & Management, R.D.Agrawal, p.6 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 11 150 दशवैकालिकसूत्र, 4/61 183 तत्त्वार्थसूत्र, 5/21 | 151 नवपदपूजा, सम्यग्ज्ञानपद, उपाध्याय यशोविजयजी 184 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 152 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, डॉ.प्रवीण डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 17 कुमार अग्रवाल, पृ. 45 185 वही, पृ. 38 153 नियमसार, 1/2 186 त्रीणिछेदसूत्राणि (बृहत्कल्पसूत्र), 3/13, 154 पुरूषार्थसिद्धयुपाय, 21, पृ. 13 पृ. 181-182 155 अध्यात्मसार, 3/10/2-28 187 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 156 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 39 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 45 188 त्रीणिछेदसूत्राणि (बृहत्कल्पसूत्र), 3/13, 157 वही, पृ. 46 पृ. 181-182 158 वही, पृ. 47 189 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 159 वही, पृ. 47 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 39 160 वही, पृ. 48 190 त्रीणिछेदसूत्राणि (बृहत्कल्पसूत्र), 3/13, 161 वही, पृ. 48 पृ. 181-182 162 योगशास्त्र, 1/4 191 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 163 वही, 1/52 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 39 164 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 192 निशीथभाष्य, 5245 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 43 193 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 165 वही, पृ. 26 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 38 166 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 194 त्रीणिछेदसूत्राणि (बृहत्कल्पसूत्र), 3/13, पृ. 181 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 94 195 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 167 जैनविद्या, भाग 1, (बी.ए.1), पृ. 14-16 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 38 168 Organization & Management, R.D.Agrawal, p. 7 196 उत्तराध्ययनसूत्र, 1/8-11 169 जैनविद्या, भाग 1, (बी.ए.1), पृ. 14-16 197 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 170 Organization & Management, R.D.Agrawal, p. 7 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 39 171 त्रीणिछेदसूत्राणि (व्यवहारसूत्र), 3/11, पृ. 324 198 जैनआचार, देवेन्द्र मुनि, पृ. 110 172 नवपदपूजा, आचार्यपद, उपाध्याय यशोविजयजी 199 Organisation & Management, R.D.Agrawal, p.15 173 गच्छाचारपयन्ना, 1/17 200 पंचाशकप्रकरण, 3/21-24 174 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 201 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, ___डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 26 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 39 175 Organization & Management, R.D.Agrawal, p. 8 202 स्थानांगसूत्र, 4/3/430 176 त्रीणिछेदसूत्राणि (दशाश्रुतस्कंध), पृ. 20-21 203 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 177 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 40 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 27 204 स्थानांगसूत्र, 2/1/168 178 Organization & Management, R.D.Agrawal, p. 8 205 आचारांगसूत्र, 2/3/3/507, पृ. 201 179 त्रीणिछेदसूत्राणि (दशाश्रुतस्कंध), पृ. 27-28 206 व्यावसायिक प्रबन्ध के सिद्धांत एवं उद्यमिता, 180 सूत्रकृतांगसूत्र, 1/1/2/17 डॉ.प्रवीण कुमार अग्रवाल, पृ. 40 207 आया णे अज्जो! सामाइए 181 Organization & Management, R.D.Agrawal, p. 8 आया णे अज्जो! सामाइयस्स अट्ठे - व्याख्याप्रज्ञप्ति, 1/9/21/4 अध्याय 1 : जीवन-प्रबन्धन का पथ 89 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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