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1.8.2 जीवन-प्रबन्धन के आयाम
जीवन-प्रबन्धन के सन्दर्भ में उपर्युक्त साधक-प्रबन्धन, साधन-प्रबन्धन एवं साध्य-प्रबन्धन के अन्तर्गत जिन आयामों का समावेश होता है, उनका वर्णन इस प्रकार है -
साधक
साधनमा
जीवन के विविध माथाम एवं समय प्रबंधन की प्रक्रियाला
(1) शिक्षा-प्रबन्धन - शिक्षा प्रत्येक मानव की प्राथमिक आवश्यकताओं में से एक है। यह वह प्रक्रिया है, जो जन्म से मृत्यु तक चलती रहती है। जीवन के इस महत्त्वपूर्ण पक्ष का प्रबन्धन ही शिक्षा-प्रबन्धन (Education Management) कहलाता है। शिक्षा-प्रबन्धन वस्तुतः शिक्षा का सही दिशा में नियोजन है, जिससे व्यक्ति की शिक्षा उसके व्यक्तित्व विकास में सहायक हो सके। जैनधर्मदर्शन में
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अध्याय 1 : जीवन-प्रबन्धन का पथ
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