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________________ रहित रहता है, तथा मोहनीय कर्म के समस्त अट्ठाईस भेदरूप कर्मों का, सम्पूर्ण मोहनीयकर्म का सामस्त्येन अभाव हो जाता है। मोहनीयकर्म का सर्वथा अभाव हो जाने पर उस जीव को जीव की छद्मस्थ- वीतराग अवस्था प्राप्त हुआ करती है, जिससे उस जीव के एक अन्तर्मुहूर्त्त काल के भीतर ही ज्ञानावरण, दर्शनावरण और अन्तराय – ये तीनों ही घातीकर्म पूर्णरूप से एक साथ नष्ट हो जाते हैं। इस प्रकार, चार कर्मों के नष्ट हो जाने पर यह जीव संसार के बीजरूप कर्मबन्ध से सर्वथा रहित हो जाता है, किन्तु जिसका फल भोगना बाकी है - ऐसे बन्धन - अघातीकर्मों के मोक्ष - छूटने की अपेक्षा रखने वाला और यथाख्यात संयत से युक्त वह जीव स्नातक कहा जाता है । उसको जिन - केवली, सर्वज्ञ, सर्वदर्शी, शुद्ध-बुद्ध और कृतकृत्य कहते हैं । अन्य में, भाष्यकार ने कहा है – ऋद्धियों की तृष्णा भी मोह ही है और मोह का जब तक पूर्णतया अभाव नहीं होता, तब तक वह जीव निर्वाण से बहुत दूर है, क्योंकि निर्वाण - अवस्था मोह के सर्वथा नष्ट हो जाने पर घातीत्रय का घात कर अघातीचतुष्टय के भी नष्ट हो जाने पर ही प्राप्त हुआ करती है । साधक को लब्धियों की प्राप्ति से बचना चाहिए पूर्वोक्त आगमिक एवं प्राचीन आचार्यों के ग्रन्थों के अध्ययन से यह सुस्पष्ट हो जाता है कि जैन धर्म में भी ध्यान एवं अन्य साधनाओं के माध्यम से साधकों को लब्धियों की प्राप्ति होती थी, फिर भी यह समझना आवश्यक है कि जैनसाधना मूलतः एक निवृत्तिमूलक - आध्यात्मिक - साधना है, इसलिए जैनाचार्यों ने अपनी कृतियों में यह स्पष्ट किया है कि साधक को लब्धियों की प्राप्ति के लिए प्रयत्न नहीं करना चाहिए। यदि वे सहज उपलब्ध भी हो जाएं, तो भी उनका प्रयोग नहीं करना चाहिए । 344 Jain Education International — जैनाचार्यों की दृष्टि में लब्धियाँ वैसी ही हैं, जैसे गेहूं की खेती में भूसा सहज ही उत्पन्न हो जाता है। जैसे खेती भूसे के लिए नहीं, गेहूँ के लिए की जाती है, उसी प्रकार साधना आध्यात्मिक - विकास और मुक्ति के लिए होती है, न कि For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003973
Book TitleJinbhadragani Krut Dhyanshatak evam uski Haribhadriya Tika Ek Tulnatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyashraddhanjanashreeji
PublisherPriyashraddhanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages495
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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