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________________ उत्तराध्ययनसूत्र 8 में महावीर देव ने कहा है कि क्षमाभाव से मैत्रीभाव और मैत्रीभाव से सर्वप्राणियों के प्रति दया, करुणा, अनुकम्पा प्रकट होती है। I प्रशमरतिप्रकरण के प्रणेता उमास्वाति ने क्षमाधर्म की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि धर्म का मूल दया है, किन्तु क्षमाभाव से रहित हृदय वाला व्यक्ति दया को धारण नहीं कर सकता। 809 तत्त्वार्थसिद्धवृत्ति के अनुसार- क्षमा, अर्थात् तितिक्षा, सहिष्णुता, क्रोधनिग्रह- ये सब क्षमा के पर्यायवाची शब्द हैं। क्षमा शक्ति - सम्पन्न आत्मा के सहन करने के परिणाम | तितिक्षा माफ करना । सहिष्णुता - सहनशील स्वभाव । राजवार्त्तिक में भी कहा है कि समग्र जीवराशि के प्रति मैत्रीभाव होना ही अनुकम्पा है 810 योगशास्त्र में लिखा है कि साधक को क्रोधाग्नि को शान्त करने के लिए एकमात्र क्षमा का आधार लेना चाहिए। 811 क्रोध-निग्रह निष्फल करना क्षमा कहलाता है। 812 - 810 प्रतिकूल व्यवहार के उपरान्त भी किसी व्यक्ति के प्रति क्रोधित न होना, सहनशील रहना, क्रोध को उत्पन्न ही न होने देना, यदि उत्पन्न हो भी जाए, तो विवेक तथा नम्रभाव से उसे शान्त कर देना ही क्षमा है। 811 808 पल्हायणभावमुपगए य सव्व पाण- भूय-जीव-सत्तेसु मित्तीभावमुप्पाएइ । 809 धर्मस्य दया मूलं न चाक्षमावान् दयां समादत्ते सर्वप्राणिषु मैत्री अनुकम्पा ।। - राजवार्तिक- 1/2. क्रोधवनेस्तदह्नायशमनाय || • योगशास्त्र - 4 / 11. क्षमा तितिक्षा सहिष्णुत्वं क्रोधनिग्रह इत्यनर्थान्तरम् ।। तत्र क्षमेत्यादिना विवृणोति । उत्तमत्वं क्षमेति क्षमणं - सहनं परिणाम आत्मनः शक्तिमतः । अशक्तस्य वा प्रतीकारानुष्ठाने तां पर्यायशब्दैराचष्टे । तितिक्षा क्षान्तिः। सहिष्णुत्वं सहनशीलत्वम् । क्रोधनिग्रहः क्रोधस्योदयनिरोधः उदितस्य वा विवेकबलेन निष्फलताऽऽपादनाम् 11 - तत्त्वार्थसिद्धवृत्ति - 01. 812 240 क्रोध के उदय को रोकना, अथवा उदीयमान क्रोध को विवेक से Jain Education International - 11 For Personal & Private Use Only प्रशमरतिप्रकरण, श्लोक - 168. उत्तराध्ययन- 29 / 62. www.jainelibrary.org
SR No.003973
Book TitleJinbhadragani Krut Dhyanshatak evam uski Haribhadriya Tika Ek Tulnatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyashraddhanjanashreeji
PublisherPriyashraddhanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages495
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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