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4. अतिभार-अतिचार- पंचाशक - प्रकरण के अनुसार मनुष्य, अथवा पशुओं पर उनकी शक्ति से अधिक बोझ (वजन) लादना अतिभारारोपण अतिचार है । '
उपासकदशांग टीका के अनुसार पशु दास आदि पर उनकी शक्ति से
,
अधिक बोझ लादना अतिभारारोपण है । '
चारित्रपुरुषार्थसिद्धयुपाय के अनुसार किसी भी प्राणी पर उसकी सामर्थ्य से अधिक बोझ लादना अतिभारारोपण - अतिचार है । 2
तत्त्वार्थसूत्र के अनुसार मनुष्य या पशु आदि पर शक्ति से ज्यादा भार लादना अतिभारारोपण अतिचार है । 3
चैत्यवन्दनकुलक टीका के अनुसार मनुष्य, बैल, घोड़ा, ऊँट आदि के ऊपर उनकी सामर्थ्य से अधिक बोझ लादने को अतिभारारोपण - अतिचार कहते हैं । 4
डॉ. सागरमल जैन के अनुसार प्राणी के सामर्थ से अधिक बोझ लादना या कार्य लेना अतिभारारोपण अतिचार है ।
5. अन्नपाननिरोध
पंचाशक - प्रकरण के अनुसार दास-दासी आदि को पशुओं को अन्न (भोजन), पानी आदि से वंचित रखना अन्नपाननिरोध अतिचार है।
अपने आश्रित मनुष्य एवं पशुओं को समय पर खाना नहीं देना, उसमें व्यवधान डालना अन्नपाननिरोध अतिचार है ।
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1 उपासकदशांगटीका - आ. अभयदेवसूरि - 1/45 – पृ. - 41
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(क) चारित्रसार श्रावकाचार संग्रह - चामुण्डाचार्य - भाग- 1 / 239
(ख) पुरुषार्थ सिद्धयुपाय - अमृतचन्द्राचार्य - गाथा - 183 - पृ. - 340
3 तत्त्वार्थ सूत्र - आ. उमास्वाति - 7 /20 - पृ. 187
4 चैत्यवन्दनकुलकटीका श्रीजिनकुशलसूरि - पृ.
-161
5 डॉ. सागरमल जैन अभिनन्दनग्रन्थ - डॉ. सागरमल जैन -
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पृ. - 330
' पंचाशक - प्रकरण – आचार्य हरिभद्रसूरि - 1/10 - पृ. - 4
7 उपासकदशांग टीका -- आ. अभयदेवसूरि - 1 /45 - पृ. - 41 8 (क) चारित्रसार श्रावकाचार संग्रह - चामुण्डाचार्य - भाग- 1 / 239 (ख) पुरुषार्थ सिद्धयुपाय - अमृतचन्द्राचार्य - गाथा - 183 - पृ. 340 ' तत्त्वार्थ- सूत्र - आ. उमास्वाति - 7/20 - पृ.
187
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