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सड़न से सुरक्षित रहते हैं, ऐसे पदार्थों में समय - मर्यादा मौसम के अनुसार होती
रहती है।
शिशिर कार्त्तिक शुक्ल पूर्णिमा से फागुन शुक्ल चतुर्दशी तक समय मर्यादा - 30 दिन
सेंके
पदार्थ
हुए
चना
ममरा
पोपकोर्न
आटा
खाखरा
52
समय - मर्यादा, मौसम के अनुसार - "
ग्रीष्म
फागुन शुक्ल पूर्णिमा से आषाढ़ शुक्ल चतुर्दशी तक समय-मर्यादा 20 दिन
घरे हुए पदार्थ चेवड़ा
ममरा
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पदार्थ
हुए पदार्थ सेव
गाठियां
फाफरा
कड़क पूरी
नमकीन
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उपर्युक्त पदार्थों की समय - मर्यादा मौसम के अनुसार सर्दी में 30 दिन, गर्मी में 20 दिन और वर्षा में 15 दिन की बताई गई है। इस काल के बाद वे अभक्ष्य हो जाते हैं, अतः उस स्थिति में उनका त्याग करना चाहिए ।
52 रिसर्च ऑफ डाइनिंग टेबल ( आचार्य हेमरत्नसूरिजी, पृ. 38)
बहुत महीनों बाद अभक्ष्य बनने वाले पदार्थ
कई खाद्य-पदार्थों का प्राकृतिक स्वरूप ही ऐसा होता है कि वे चार-आठ महीने तक खराब नहीं होते हैं। कई पदार्थों की तैयार करने की पद्धति इतनी अच्छी होती है कि वे खाद्य-पदार्थ लम्बे समय तक चल सकते हैं, उदाहरण - पापड़,
वर्षा
आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा से कार्त्तिक शुक्ल चतुर्दशी तक समय - मर्यादा 15 दिन
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पक्की मिठाई मोहनथाल बूंदी के लडडू चूर के लड्डू मोतीचूर आदि
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