SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 158
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ _134 ही पूरी हो जाती हैं। क्योंकि भय मनोकामना की पूर्ति में सबसे बड़ी बाधा है। आशंका और संदेह की वृत्ति भी अभय को प्राप्त नहीं करा सकते, क्योंकि भय से घिरा हुआ व्यक्ति या शंका (संदेह) से घिरा हुआ आदमी सफल नहीं हो सकता। बाबा नागपाल कहते हैं – “मैं तो किसी को भी न तो ताबीज देता हूँ, न गंडा देता हूँ, कुछ भी नहीं। सबको कहता हूँ, आहार शुद्ध करो, व्यवहार शुद्ध करो। इसके बिना कुछ भी नहीं है।" चरित्र का विकास होगा तब अभय की साधना स्वतः ही हो जायेगी। ‘समयसार'52 में कहा है – 'जो किसी प्रकार का अपराध नहीं करता, वह निर्भय होकर जनपद में भ्रमण कर सकता है। इसी प्रकार, निरपराध निर्दोषी आत्मा सर्वत्र निर्भय होकर विचरण करती है। 5. चेतना के अनुभव के द्वारा - चेतना का अनुभव, अर्थात् जाग्रत अवस्था (आत्म-सजगता)। जब यह अवस्था रहती है, तो भय का अनुभव नहीं होता है। जब आदमी चैतन्य के अनुभव में होता है, तब सांप भी काट जाता है, तो भी सांप का जहर नहीं चढ़ता। जहर भी विशेष स्थिति में चढ़ता है। यह प्रत्यक्ष देखने में आता है कि जब सांप काट जाता है, तो सभी की कोशिश यही रहती है कि उस व्यक्ति को नींद न आ जाए। उसे जाग्रत रखा जाता है। इस जागरूकता में जहर नहीं चढ़ता। भगवान् महावीर को चण्डकौशिक जैसे सांप ने काटा, पर वे अविचल रहे, उन्हें जहर छू भी नहीं पाया। क्योंकि वे जाग्रत थे, उन्हें चेतना का अनुभव हो चुका था। इसलिए वे निर्भय बन गए थे। चेतना का अनुभव अभय की मुद्रा का अनुभव है। क्योंकि अनेक बार अकारण भय ही व्यक्ति को भयभीत बना देता है। प्रतिक्रमण सूत्र में ब्रह्मचर्य की बाड (रक्षा) के प्रसंग में 'डोकरी और छाछ' का दृष्टान्त आता है। किसी वृद्धा स्त्री ने कुछ अभय की खोज - पृ. 78 "जो ण कुणइ अवराहे, सो णिस्संको दु जणवए भमदि - समयसार 302 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003971
Book TitleJain Darshan ki Sangna ki Avdharna ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramuditashreeji
PublisherPramuditashreeji
Publication Year2011
Total Pages609
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy