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________________ [ २९ ] . परप्रतिष्ठित क्रोध पर-विषयक होता है तथा दूसरे के निमित्त से उत्पन्न होता है। तदुभय प्रतिष्ठित क्रोध स्व-पर विषयक होता है और दोनों के निमित्त होता है। अप्रतिष्ठित क्रोध केवल क्रोध-वेदनीय के उदय से उत्पन्न होता है। बाहरी कारणों से उत्पन्न नहीं होता। क्रोध अनेक प्रकार का होता है। यथा १. अनन्तानुबन्धी-क्रोध-इस क्रोध का अनुबन्ध और परिणाम अनन्त होता है। जैसे पर्वत में दरार पड़ने पर उसका मिलना दुष्कर है, उसी प्रकार अनन्तानुबन्धी क्रोध किसी उपाय से शान्त नहीं होता है। २. अप्रत्याख्यानी क्रोध-विरति-मात्र का अवरोध करने वाला क्रोध अप्रत्याख्यानी क्रोध है। जिस प्रकार सूखे सरोवर आदि में मिट्टी के फट जाने पर दरार पड़ जाती है, लेकिन वर्षा होने पर पुनः मिल जाती है, उसी प्रकार जो क्रोध विशेष परिश्रम से शान्त होता है, वह अप्रत्याख्यानी क्रोध है। ३. प्रत्याख्यानी क्रोध-सर्व-विरति का अवरोध करने वाला प्रत्याख्यानावरण क्रोध है। जैसे धूल में रेखा अंकित करने पर कुछ समय बाद हवा से वह रेखा समाप्त हो जाती है, वैसे ही जो क्रोध कुछ उपाय से शान्त हो, वह प्रत्याख्यानी क्रोध है । ४. संज्वलन क्रोध--यथाख्यात चरित्र का अवरोध करने वाला क्रोध संज्वलन क्रोध है। जिस तरह जल में खींची रेखा खींचने के साथ ही मिट जाती है, उसी तरह किसी कारण से उदय में आया हुआ जो क्रोध तत्काल शान्त हो जाता है, संज्वलन क्रोध है। ५. आभोग नितित क्रोध-क्रोध के फल को जानते हए भी किया गया क्रोध आभोग निवर्तित कहलाता है । यह क्रोध परिस्थिति विशेष केवल हित-शिक्षा के उद्देश्य से होता है। पुष्ट कारण होने पर यह सोचकर कि ऐसा किये बिना इसे शिक्षा नहीं मिलेगी, जो क्रोध किया जाता है, वह आभोग निवर्तित क्रोध है। . . ६. अनाभोग नितित क्रोध-यह क्रोध बिना जाने-बूझे किया जाता है। इसमें व्यक्ति को स्थिति की जानकारी नहीं होती है। जब गुण-दोष का विचार किये बिना या क्रोध के विपाक को न जानते हए क्रोध किया जाता है, वह अनाभोग निवतित क्रोध है। ___७. उपशान्त क्रोध -क्रोध की अनुदयावस्था उपशान्त क्रोध की Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003966
Book TitleKshama ke Swar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJain Shwetambar Shree Sangh Colkatta
Publication Year1984
Total Pages54
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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