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मोक्ष : आज भी सम्भव
क्यों नहीं होता है ? तब तो आज बन्धन भी नहीं होना चाहिये और यदि बन्धन है तो मोक्ष भी होना चाहिए । जब जन्म है तो मृत्यु भी होगी । खिलना है तो मुरझाना भी होगा । संयोग है तो वियोग भी होगा । उदय है तो अस्त भी होगा । बन्धन है तो मोक्ष भी होगा । यदि हम भविष्य के लिए मोक्ष को रखेंगे तो मोक्ष कभी भी नहीं मिल सकता | जहाँ-जहाँ पर मोक्ष को भविष्य के लिए रखा जाता है, वहाँवहाँ पर बन्धन ही बन्धन होता है, न कि मोक्ष | भविष्य किसने आया है । हर आज अतीत बन जाता है और हर कल आज । कि हर कल आज बनेगा ही। हो सकता है कल ही काल बनकर आचार्य कवीन्द्रसूरि का एक पद्य है कि
देखा है, कल किसका
काल-काल क्यों करता है रे
काल तुझे खा जायेगा । बीत गया अगर काल बावरे,
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बीता काल न आयेगा ||
कल का भरोसा नहीं । मोक्ष होगा, आज, अभी, यहीं । यही वह जीवन है जिसका परमसाध्य मोक्ष है । केवल भूतकाल में ही मोक्ष था और आज नहीं है, वैज्ञानिक एवं तार्किक बुद्धिवालों को यही सबसे बड़ी विसंगतिपूर्ण बात लगेगी और इसीलिए वह इसे स्वीकार भी नहीं करेगा ।
पर यह जरूरी नहीं उपस्थित हो जाए ।
जरा मुसलमान मोलवी लोगों को देखो । वे कहते हैं कि मोहम्मद साहब अन्तिम पैगम्बर हुए । उनके बाद इस युग में कोई पैगम्बर नहीं हो सकता । उनकी कोटि का आदमी अब नहीं हो सकता । मुहम्मद की टक्कर का आदमी कभी पैदा हो सकता है - यह बात नामुमकिन है । मुहम्मद ही आखिरी पैंगम्बर हुए । आज यदि दूसरा पैगम्बर हो जाए तो मुसलमानों में बड़ी क्रान्ति मच जाए । लेकिन धर्म की पाबन्दी के लिए यह बात बना दी गयी कि अब दूसरा पैगम्बर नहीं होगा । जो होना था वह हो गया । वर्तमान या भविष्य काल में नहीं होगा । फिर नया पैगम्बर हो गया तो मुहम्मद को लोग विसरा देंगे । उनकी पूछ कम हो जायेगी । इसलिए कह दिया कि मुहम्मद के बाद अब अन्य पैगम्बर नहीं होंगे । यह कितनी मजे की बात है कि मुसलमानों में मुहम्मद से पहले तेवीस पैगम्बर हो गये, इससे भी ज्यादा संख्या मिलती है पर कहते हैं अब नहीं होंगे । यद्यपि अकबर आदि ने प्रयास किया, किन्तु उसका प्रयास मात्र एक महत्वाकांक्षा थी । इसलिए उसका प्रयास एक खोखली राजनीति बनकर रह गयी ।
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बौद्धों के सम्बन्ध में भी यही बात है । गौतम ही अन्तिम बुद्ध हैं । यह वस्तुतः श्रद्धा का बुद्ध हुए, पिटकों में सात बुद्ध होने का उल्लेख है और परवर्ती बौद्धागमों में चौबीस
बौद्धों ने भी यही बात कही कि विषय था । गौतम से पहले अनेक
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