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संत हरिकेशबल : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर अस्पृश्यता-निवारण के लिए बोलती एक रंगीन कहानी। बच्चों के लिए सौ फीसदी उपयोगी।
पृष्ठ २४, मूल्य ४/दादा दत्त गुरु : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर पहले दादा गुरुदेव आचार्य जिनदत्तसूरि की सर्वप्रथम प्रकाशित चित्र-कथा; ज्ञानवर्धक, रोचक भी।
पृष्ठ २४, मूल्य ४/सत्य, सौन्दर्य और हम : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर सुन्दर, सरल प्रसंग, जिनमें सच्चाई भी है और युग की पहचान भी।
पृष्ट ३२, मूल्य २/घट-घट दीप जले : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित चन्द्रप्रभजी की उन कहानियों का संकलन, जिनमें जीवन-दीप की आत्मा हर शब्द में फैल रही है। पृष्ठ ३२, मूल्य २/कुछ कलियाँ, कुछ फूल : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर संसार के विभिन्न कोनों में हुए सद्गुरुओं की उन घटनाओं का लेखन, जिनमें छिपे हैं जीवन-क्रान्ति और विश्व-शान्ति के सन्देश ।
पृष्ठ ३२, मूल्य २/
काव्य-कविता
बिम्ब-प्रतिबिम्ब : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर जीवन की उधेड़बुन को प्रस्तुत करने वाली एक सशक्त प्रौढ़ काव्य-कृति। सत्य के संगान का अभिनव प्रयत्न ।
पृष्ठ ८४, मूल्य ७/छायातप : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर अदृश्य प्रियतम की कल्पना की रंगीन बारीकियों का मनोज्ञ चित्रण। रहस्यमयी छायावादी कविताओं का एक और अभिनव प्रस्तुतिकरण ।
पृष्ठ १०८, मूल्य १०/जिन-शासन : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर एक अनूठी काव्यकृति, जिसमें है सम्पूर्ण जैन शासन का मार्ग-दर्शन । काव्य-शैली में जैनत्व को समग्रता से प्रस्तुत करने वाला एक मात्र सम्पूर्ण प्रयास।
___ पृष्ठ ८०, मूल्य ३/अधर में लटका अध्यात्म : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर दिल की गहराइयों को छू जाने वाली एक विशिष्ट काव्यकृति। पढ़िए, मस्तिष्क के परिमार्जन एवं जीवन के सम्यक् संस्कार के लिए। पृष्ठ १५२, मूल्य ७/
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