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समवाय-सुत्तं : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर विश्वविद्यालय-पाठ्यक्रम के स्तर पर तैयार किया गया जैन-आगम समवायांग का सीधा-सपाट मूलानुगामी अनुवाद।
पृष्ठ ३१८, मूल्य ३०/खरतरगच्छ का आदिकालीन इतिहास : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर जैन धर्म की क्रांतिकारी परंपरा का दस्तावेज; खरतरगच्छ द्वारा विचार-शुद्धि एवं आतार-शुद्धि के लिए की गई पहल का ऐतिहासिक विवरण | खरतरगच्छ महासंघ, दिल्ली का पठनीय प्रकाशन ।
पृष्ठ २६०, मूल्य ३०/चन्द्रप्रभ : जीवन और साहित्य : डॉ. नागेन्द्र महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर जी की साहित्यिक सेवाओं का विस्तृत लेखा-जोखा । एक समीक्षात्मक अध्ययन।।
पृष्ठ १६०, मूल्य १५/उपाध्याय देवचन्द्र : जीवन, साहित्य और विचार : महो. ललितप्रभ सागर महान् तत्त्वविद् उपाध्याय श्रीमद् देवचन्द्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विभिन्न पहलुओं पर प्रशस्त प्रकाश डालने वाला एक शोधप्रबन्ध ।
__पृष्ठ ३२०, मूल्य ५०/हिन्दी सक्ति-सन्दर्भ कोश : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर हिन्दी के सुविस्तृत साहित्य से सूक्तियों का ससन्दर्भ संकलन; भारतीय सन्तों एवं मनीषियों के चिन्तन एवं वक्तव्यों का सारगर्भित सम्पादन; आम पाठकों के अलावा लेखकों के लिए खास कारगर; एक आवश्यकता की वैज्ञानिक आपूर्ति । दो भागों
पृष्ठ ७५०, मूल्य १००/पंच संदेश : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर पुस्तक में है अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह पर कालजयी सूक्तियों का अनूठा सम्पादन।
पृष्ठ ३२, मूल्य २/
में।
सन्त-वाणी
महाजीवन की खोज : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर आचार्य कुन्दकुन्द, योगीराज आनंदघन एवं श्रीमद् राजचन्द्र जैसे अमृत-पुरुषों के चुने हुए अध्यात्म-पदों पर बेबाक खुलासा। घर-घर पठनीय प्रवचन-संग्रह । हर मुमुक्षु एवं साधक के लिए उपयोगी।
पृष्ठ १४८, मूल्य १०/बूझो नाम हमारा : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर योगीराज आनंदघन के पदों पर किया गया मनोवैज्ञानिक विवेचन, जो पाठक को उसके मौलिक व्यक्तित्व से परिचय करवाता है। पृष्ठ ६८, मूल्य ४/देह में देहातीत : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर प्रसिद्ध अध्यात्मवेत्ता आचार्य कुन्दकुन्द की टेढ़ी गाथाओं पर सीधा संवाद । विशिष्ट प्रवचन ।
पृष्ठ ७२, मूल्य ५/
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