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________________ शांति पाने का सरल रास्ता विश्व के महान चिन्तक पूज्य श्री चन्द्रप्रभ ऐसे सम्बुद्ध सदगुरु हैं, जिन्होंने जीवन की हर गहराई को न केवल व्यावहारिक दृष्टि से समझा है, अपितु ध्यान और योग के द्वारा उसकी सूक्ष्मताओं का अन्तनि भी प्राप्त किया है। वे जहाँ साधना की प्रतिमूर्ति हैं, वहीं शांति के देवदूत और सद्ज्ञान के प्रवक्ता हैं। इनके प्रवचन और सैकड़ों पुस्तकें हर इंसान के तन-मन को सही सकारात्मक दिशा प्रदान कर रही हैं। पूज्य श्री चन्द्रप्रभ की जीवन-दृष्टि से प्रसारित यह एक ऐसी अनमोल पूस्तक है, जो मानव-मन को उसकी सच्ची शांति, सौन्दर्य और आनन्द से रूबरू करवाती है। श्री चन्द्रप्रभ की यह पवित्र प्रेरणा है कि जीवन वीणा के तारों की तरह है जिन्हें इतना भी न कसा जाए कि जीवन की मिठास खत्म हो जाए और इतना ढीला भी न छोड़ा जाए कि जीवन बेसुरा हो उठे / जीवन को वीणा के तारों की तरह साधा जाए ताकि हमारा जीवन शांतिमय, संगीतमय और आनन्दमय हो सके। हमें हिंसा, झूठ, चोरी, व्यभिचार और व्यसन को जीवन का पाप समझते हुए इन पांचों से बचने की पूरी मानसिक दृढ़ता रखनी चाहिए और प्रेम, शांति, सेवा, करुणा और आनन्द को जीवन का पुण्य समझते हुए इन पांचों को अपने जीवन के रग-रग में आत्मसात कर लेना चाहिए। इस निष्पाप और पुण्य-पथ का अनुसरण करने वाला ही वास्तव में शांतिपथ का अनुयायी होता है। ___पुस्तक की प्रेरणा है : जीवन को सहजता से जिएँ, सकारात्मकता के फूल खिलाएँ, हर कार्य को सचेतनता से करें और सबके बीच रहते हुए भी अपने आपको कमल की तरह निर्लिप्त रखें। अन्तर्मन की शांति, मुक्ति और आनन्द के लिए पढ़िए इस सुनहरी पुस्तक को। Rs. 25/ Jail Educati v ational For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003959
Book TitleShanti Pane ka Saral Rasta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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