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________________ ऐसे ही यदि पिता हम पर गुस्सा करें तो हम उन पर नियंत्रण तो नहीं कर सकते, पर क्रोध के उन क्षणों में भी हम अपने-आप को शान्त तो रख सकते हैं। ___ ध्यान का मार्ग हमें यह बोध देता रहेगा कि क्रोध करना उनकी मज़बूरी है, आपकी मज़बूरी नहीं है। पर अगर क्रोध के उन क्षणों में आप भी क्रोध करने को तत्पर हो गए, तो मानकर चलना कि उन-उन क्षणों में अज्ञान आप पर हावी हो गया। उद्वेग आप पर सवार हो गया। चित्त के संस्कार आप पर हावी हो गए और उन-उन क्षणों में आप हार खा बैठे। कहते हैं एक दिन च्वांगत्से एक मरघट के पास से गुजर रहा था। अचानक उसका पैर एक खोपड़ी से टकरा गया। उसने खोपड़ी को उठाया और क्षमायाचना करके उसे घर ले आया। उसे जब भी कोई गाली देता, अपमान करता तो वह उस खोपड़ी की तरफ देखता और हँसने लगता। लोगों ने पूछा, तुम यह क्या कर रहे हो? च्वांगत्से जवाब देता, समय का ही थोड़ा-सा फासला है, बाकी तो आज नहीं तो कल मेरी भी खोपड़ी किसी मरघट में पड़ी होगी और तब यदि कोई लात मारेगा, तो मैं कुछ नहीं कर सकूँगा। फिर आज भी कुछ करने का क्या अर्थ है? बस, यह सोचकर ही मुझे हँसी आ जाती है। यह है जीत की बाजी! तुम भी जितेन्द्रिय बनो। जीतने वाले बनो। हार भी जाएँ तो कोई चिन्ता नहीं। हार हार कर भी जीतने की सजगता, जीतने की सचेतनता, जीतने की अवेयरनेस अपने साथ जोड़े हुए रखें। हारना कोई गुनाह नहीं है, सभी हारे हुए हैं । महावीर और बुद्ध भी कभी हारे थे। शिव-शंकर भी कभी हारे थे। राम और कृष्ण भी कभी हारे थे। ऋषभदेव भी कभी हारे थे। तो हम भी हार बैठें, तो इसमें कोई गुनाह या आश्चर्य की बात नहीं है। जीतने का आत्मविश्वास, जीतने की तमन्ना होने के कारण आखिर वो जीत ही गए थे। अगर हम लोग भी जीतने की मानसिकता, जीतने की सचेतनता अपने भीतर बरकरार रखेंगे तो आज नहीं तो कल जीत ही जाएँगे। मैंने कहा, हारना कोई गुनाह नहीं है, हारे हुए तो हैं ही। क्रोध करना बुरा नहीं है, क्रोधी तो हैं ही; अभिमान करना बुरा नहीं है अभिमानी तो हैं ही। पर अगर हम हार-हार कर ७४ शांति पाने का सरल रास्ता Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003959
Book TitleShanti Pane ka Saral Rasta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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