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________________ सहजता को बनाइए समाधि का साधन आज मैं आप सबको प्रेम-भाव से जीने का एक छोटा-सा सीधासरल मंत्र दूंगा। इस मंत्र ने मेरे आध्यात्मिक विकास में भी अहम भूमिका निभाई है और आपके लिए भी यह महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। वर्षों-वर्ष पहले मैंने अपने जीवन के साथ एक छोटा-सा मंत्र जोड़ा था जिसे जीते हुए मैंने जीवन को अहोभाव से जीने का आनन्द लिया और उसमें आने वाली बाधाओं का भी आनंद-भाव से सामना किया। आध्यात्मिक शांति, शक्ति और सौन्दर्य का वह मंत्र है- सहजता। सहजता— मेरे लिए सुख, शांति, आनंद और मुक्ति का पहला साधन है। यह समाधि का पहला सोपान है। इतने-इतने वर्षों तक इस मंत्र को जीने के बाद ही अपने साधक भाई-बहनों से यह निवेदन कर रहा हूँ कि व्यक्ति की आध्यात्मिक शांति और मुक्ति के लिए सहजता पहली सम्पदा है। सहजता ही साधना का प्रस्थान बिन्दु है, सहजता ही साधना का मध्य पड़ाव है और सहजता में ही साधना की अन्तिम परिणतियाँ हाथ लगा करती हैं । सहजता ही समाधि का साधन है और सहजता ही प्रभु के राज्य में प्रवेश पाने का रास्ता है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003959
Book TitleShanti Pane ka Saral Rasta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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