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कल के लिए कोई नया चमत्कार कर सकते हैं, आने वाले इतिहास के लिए नया आलेख और शिलालेख बन सकते हैं।
विकासशील दिमाग़ जीवन की सफलता का सबसे प्रबल आधार है, वहीं निराशा, चिंता और तनाव से जकड़ा हुआ दिमाग़ आदमी की विफलता और दुःख का प्रमुख कारण है। एक श्रेष्ठ और स्वस्थ दिमाग आदमी के जीवन की सबसे बड़ी दौलत है । गधों के पूरे अस्तबल की बजाय अरब का एक दुबला पतला घोड़ा भी कहीं ज्यादा अच्छा होता है। हम अपने दिमाग़ को अरबी घोड़ा बनाएं, गधों का अस्तबल नहीं। ___ जो दिमाग़ सुख और दुःख, खेद और ख़ुशी दोनों का अनुभव करता है, क्यों न हम अपने दिमाग़ में सदा सुख, शांति और ख़ुशी का चैनल चलाएँ। आखिर जैसी मन और दिमाग़ की अवस्था रखेंगे, हमारे विचार, आचार और व्यवहार भी तद्नुरूप ही होंगे। मैंने कभी क्रोध किया था और उसके परिणाम भी देखे थे। मैंने प्रेम भी किया है और उसके परिणाम भी जाने हैं। जब भला प्रेम और शांति को अपनाकर जीवन को आनंद भरा कमल बनाया जा सकता है तो फिर हम क्रोध, चिन्ता और ईर्ष्या के कीचड़ में पड़कर अपने आपको दूषित और दुर्वासा क्यों बनायें। ___ यदि हम अपने दिमाग़ को दुरुस्त और बेहतर दिशा देने में थोड़ी-सी सावधानी बरतें तो जो दिमाग़ हमें नटवरलाल बना रहा है, वही हमें आइंस्टीन बना सकता है । जो दिमाग हमें आतंकी या उग्र बना रहा है वही हमें सचिन और सानिया बना सकता है । विनोबा भावे ने अपने प्रयासों से कई डाकुओं का दिल
बदलकर, उन्हें एक बेहतर नागरिक बनाया था। मदर टेरेसा ने सेवा की कई मिसालें कायम की। यानी एक हिंसक कहलाने वाले इंसान को भी परोपकारी बनाया जा सकता है । सदा पिछड़ने वाले छात्र को भी पढ़ाई में अव्वल बनाया जा सकता है। कभी गुरु द्रोण से
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