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करें, आनंदासन और शवासन तनावमुक्ति का सबसे आसान तरीका है। प्राणायाम अवश्य करें। लगातार पाँच मिनट तक लम्बी-गहरी साँस लेने का अभ्यास करें। पर ध्यान रखें, कुत्ते जैसी जल्दी-जल्दी साँस न लें। कछुए की तरह धीरे-धीरे गहरी साँस लें और धीरे-धीरे गहरी साँस छोड़ें। शांत और लम्बी-गहरी साँस लेने से अवसाद, निराशा, हताशा, तनाव, क्रोध कम होते हैं । इस प्रयोग से प्रसवकाल की पीड़ा भी कम होती है। दीर्घ श्वसन प्राणायाम से ब्लड प्रेशर, पाचन क्रिया, अनिद्रा, उदासीनता और नशे की आदत में भी सुधार होता है और ऊर्जा-शक्ति बढ़ जाती है। साँसों के द्वारा अपनी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए ही क्रियायोग' का प्रयोग है। यह एक ज़बरदस्त अद्भुत प्रक्रिया है । टेन्शनलेस और स्ट्रेसलेस होने के लिए इसे आप रामबाण औषधि समझिए। यह प्राणायाम का एक छोटा-सा प्रयोग है : 1. एक मिनट तक लगातार मुस्कुराइए, 2. ओम का पाँच बार उद्घोष कीजिए, 3. होंठ बन्द करके मस्तिष्क में पाँच बार ओंकार की अनुगूंज अर्थात वायब्रेशन कीजिए 4. नाक से लम्बा साँस लीजिए और मुंह के रास्ते उसका पूर्ण रेचन कीजिए। पेट और पेडू तक की दूषित वायु को भी बाहर उलीचिये। बीस दफा यह रेचन-क्रिया कीजिए, 5. मुंह बन्द कीजिए और नाक से लम्बी-गहरी साँस लीजिए और नाक से ही लम्बी-गहरी साँस छोड़िये। चालीस दफा दीर्घ श्वसन कीजिए, 6. शरीर और दिमाग़ को पूरी तरह ढीला छोड़ दीजिए। यानी कम्पलीटली रिलेक्सेशन।।
तनाव से दूर रहने का पाँचवा क़दम है : हमेशा अच्छी नींद लीजिए। नींद शरीर की बैटरी को रिचार्ज करती है। यह हमें आनंदमय, उत्साहित, स्फूर्त और सामाजिक प्राणी बनाती है। यदि आप रात भर ठीक से सो लेते हैं तो दूसरे दिन प्रसन्नचित्त और कार्य करने में सक्षम रहते हैं। जो लोग कम सोते हैं या अनिद्रा से पीड़ित रहते हैं वे सदैव चिड़चिड़े और क्रोधी रहते हैं । अनिद्रा एक मीठा ज़हर है जो व्यक्ति को धीमे-धीमे दोहरा व्यक्तित्व दे डालता है। वर्षों तक न सोने
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