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स्वस्थ और निरोगी होने का गुर अपनाइये।
चौथा क़दम है : प्रतिदिन दस से पन्द्रह मिनट योगासन अवश्य कीजिए। दस मिनट पैदल चलना और पन्द्रह मिनट योगासन करना स्वस्थ रहने की सबसे बेहतरीन कुंजी है। किसी समय साधना करने वाले लोग ही योगासन करते थे, पर ज्यों-ज्यों मानव-समाज को योग के लाभ ज्ञात होते जा रहे हैं त्योंत्यों हर आम इंसान भी योग को आत्मसात् करता जा रहा है। स्वामी रामदेव जी महाराज ने एक अकेले योगासनों के बल पर स्वास्थ्य-जगत में जो क्रान्ति मचाई है उसने योग को एक अन्तरराष्ट्रीय सत्य और उपचार के रूप में स्थापित कर दिया है। मैं पिछले कई वर्षों से कोई दवा नहीं लेता हूँ। रोग तो मेरे शरीर में भी आते हैं पर योग अगर साथ है तो रोग स्वत: खिसक जाते हैं। ___ एक व्यक्ति मेरे सम्पर्क में है : जेठमल जी धोबी। इस समय लगभग अस्सी वर्ष के होंगे। उन्हें देखकर कोई भी व्यक्ति उन्हें साठ-पैंसठ से ऊपर का नहीं कह सकता। ताज्जुब की बात है कि वे चश्मा भी नहीं लगाते और बत्तीसी भी नहीं लगाते। उनके अभी भी वही दाँत हैं जो बचपन में थे। इस उम्र में भी वे अपने दाँतों से अखरोट तोड़ सकते हैं। दस किलोमीटर पैदल चल सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि इसका राज़ क्या है ? इस व्यक्ति ने मुझे बताया कि वह चौदह वर्ष की उम्र से ही नियमित सुबह योगासन करता आया है। यानी योग ने इंसान को रोगों से बचाया है, बूढापे को उससे दूर रखा है, स्वस्थ और लम्बी उम्र दी है। आप भी अपने जीवन में यह सूत्र ले लें – 'योग अपनाइये, रोग भगाइये।'
योग का विधिवत प्रशिक्षण पाने के लिए आप कभी संबोधि-साधना शिविर में आ जाएँ। सात दिन का प्रशिक्षण योग की कुंजी प्रदान कर देगा। वैसे आप तनावमुक्ति के लिए क़दमताल कर लें। योगमुद्रा और भुजंगासन का अभ्यास
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