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सामने वाला गलती करता ही जाए, तो उसे स्वीकार न करें। अगर आपने किसी के अपशब्दों को स्वीकार कर लिया तो एक और एक ग्यारह हो जाएँगे। गालियाँ घूसों में और चूंसे लाठियों में बदल जाते हैं, पर जब आप स्वीकार नहीं करते तो वह उसी के पास लौट जाता है। जैसे कोई आपको भोजन कराए और आप न करें तो खाना उसी के पास रह जाएगा। इसलिये क्रोध को कहिए मुझे तुम्हारी ज़रूरत नहीं है और क्रोध का कीजिए निरोध।
दूसरा अनुरोध : क्रोध का वातावरण बनने पर उस स्थान से हट जाएँ। कुछ देर के लिए वह स्थान छोड़कर अन्यत्र चले जाएँ। तब भी क्रोध शांत न हो तो ठंडा पानी पीएँ। जिस समय आपको क्रोध आए, आप तत्काल दो गिलास ठंडा पानी पीजिए। उबलता क्रोध शांत हो जाएगा। इस्तेमाल कीजिए, चमत्कारिक लाभ मिलेगा। आखिर आग तो तभी भड़केगी जब ईंधन मिलेगा। आप हट जाएं, सामने वाला अकेला कब तक गुस्सा करेगा। जिस वातावरण में हम हैं उससे ख़ुद को निरपेक्ष कर लें। सास-बहू आपस में झगड़ा न करें बल्कि मां-बेटी के रूप में प्रेम और सम्मान दें। पति-पत्नी समझौते की वृत्ति रखे।
Trust, talk & talerance ऐसे शब्द हैं जो पति-पत्नी के मध्य सही संबंध बनाते हैं। पत्नीपति ही क्यों सभी के बीच मधुर संबंध बनाते हैं। Time भी एक तथ्य हैं क्रोध को प्रगट करने में टाइम लगाइए, थोड़ी देर कीजिए। ज़िंदगी में कभी विलम्ब से मत चलिए, पर क्रोध को करने में जितना विलम्ब हो, उतना ही श्रेष्ठ। क्रोध करने के लिए पहले कोई अमृतसिद्धि योग देखिए, फिर क्रोध कीजिए। आप यह तो कहते हैं ट्रेन लेट, फ्लाइट लेट, फंक्शन लेट, क्या कभी यह भी कहते हैं क्रोध लेट । अरे भाई, क्रोध कोई मामूली चीज़ थोड़े ही है जो जब चाहें तब प्रगट कर दें। ____ यह तो परमाणु-बम है। इसका इस्तेमाल तभी कीजिए जब आपके पास रखे हुए अन्य सारे हथियार फेल हो जाएँ। क्रोध आग का शोला है, इसे बातबात में प्रगट मत कीजिए। अरे भाई, अगर किसी को मारना ही है तो चाकू से क्या मारा। मारना ही है तो शर्बत से मारो। अपनी मिठास से, अपने प्रेम से,
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