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हिमवंतमहतविक्खाओ॥८॥ गुत्तीसमिइउबेओ संजमतबनिअमजोगजुत्तमणो । समणो समाहिअमणो दसणनाणे अणमणो ॥९॥ मेरुज पब्वयाणं सयंभुरमणुब्ब चेव उदहीणं। 18 चंदो इव ताराणं तह संधारो सुविहिआणं ॥३०॥ भण केरिसस्स भणिओ संथारो केरिसे व अवगासे। उक्खंपिगस्स करणं एवं ता इच्छिमो नाउँ ॥१॥ हायति जस्स जोगा जरा असे
विविहा अ हुँति आयंका। आरहइ अ संधारं सुविसुद्धो तस्स संथारो॥२॥ जो गारवेण मत्तो निच्छद आलोअर्ण गुरुसगासे। आरुहइ अ संथारं अविसुद्धो तस्स संथारो ॥३॥ जो पुण पत्तभूओ करेइ आलोअणं गुरुसगासे। आम्हइ अ० सुवि०॥४॥ जो पुण दसणमइलो सिढिलचरित्तो करेइ सामन्त्र। आरु० अवि०॥५॥ जो पुण देसणसुद्धो आयचरित्तो करेइ सामनं। आरु० सुवि०॥६॥ जो रागदोसरहिओ तिगुत्तिगुत्तो तिसङमयरहिओ। आव्हइ०, सुवि० ॥७॥ तिहिं गारवेहिं रहिओ तिदंडपडिमोयगो पहिअकित्ती। आम्हइ० मुवि०॥८॥ चउबिहकसायमहणो चउहि विकहाहि विरहिओ निचं। आरुहइ०, सुवि०॥९॥ पंचमहवयकलिओ पंचसु समिईसु सुट्ठ आउत्तो। आम्हइ०, सुवि०॥४०॥ छक्काया पडिविरओ रूतभयट्ठाणविरहिअमईओ। आरुहइ०, सुवि०॥१॥ अट्ठमयट्ठाणजढो कम्मट्टविहस्स खवणहेउत्ति। आरु सुवि०॥३॥ जुत्तस्स उत्तमढे मलियकसायस्स निश्वियारस्स । भण केरिसो उ लाभो संथारगयस्स समणस्स? ॥ ४॥ जुत्तस्स उत्तमढे मलियकसायस्स निवियारस्स। भण केरिसं च सुक्खं संथारगयस्स खमगस्स ? ॥५॥ पढमिल्लगंमि दिवसे संथारगयस्स जो हवइ लाभो । को दाणि तस्स सको अग्धं कार्ड अणग्धस्स ॥६॥ जो संखिजभवद्विइ सपि खवेइ सो तहिं कम्मं । अणुसमयं साहुपयं साहू वृत्तो तहिं समए ॥ ७॥ तणसंथारनिसन्नोऽवि मुणिवरो भट्टरागमयमोहो।जं पावइ मुत्तिसुहं कत्तो तं चक्कवट्टीवि, ॥८॥ तप्पु (नियपू) रिसनाडयंमिवि न सा रई तह सहत्थवित्थारे। जिणवयणमिवि सा ते हेठसहस्सोवगूढंमि ॥९॥ जं रागदोसमइअं सुक्खं जं होइ विसयमईयं च। अणुहवइ चक्कचट्टी न होइ तं वीअरागस्स ॥५०॥मा होउ वासगणया न तत्थ वासाणि परिगणिजति। पहले गच्छं बुस्था जम्मणमरणं च ते खुत्ता ॥१॥ पच्छावि ते पयाया खिष्पं काहिति अपणो पत्थं। जे पच्छिमंमि काले
मरंति संथारमारूढा ॥२॥ नचि कारणं तणमओ संथारो नवि अ फासुआ भूमी। अप्पा खलु संथारो हवइ विसुद्ध चरित्तमि ॥३॥ निचंपि तस्स भावुजुअस्स जत्थ व जहिं व संथारो। | जो होइ अहक्खाओ विहारमभुहिलहा ॥४॥ वासारत्तमि तव चित्तविचित्ताइसुटुकाऊण।हमत सथार आम्हा सबऽवत्थासु॥५॥ आसाअ पाअणपुर अज्जा
चूलत्ति। तीसे धम्मायरिओ पविस्स्सुओ अनिआउत्तो ॥६॥ सो गंगमुत्तरंतो सहसा उस्सारिओ अ नावाए। पडिबन्नउत्तिमहूँ तेणवि आराहि मरणं ॥ ७॥ पंचमवयकलिआ पंचसया अजया सुपुरिसाणं । नयरंमि कुंभकारे कडगंमि निवेसिआ तइआ॥८॥ पंचसया एगणा यायमि पराजिएण रुट्टेणं। जंतंमि पावमइणा छुन्ना छोण कम्मेण ॥९॥ निम्ममनिरहंकारा निअयसरीरेवि अपडियदा उ। तेवि तह छुज्जमाणा पडिवन्ना उत्तम अहूँ ॥६०॥ दंडुनि विस्मुअजसो पडिमादसधारओ ठिओ पडिम। जउणावके नयरे सरहिं विदो सयंगीओ ॥१॥ जिणवयणनिच्छिमई निअयसरीरेऽवि अपडिषदो उ। सोऽवि तह विज्झमाणो पडिवण्णा उत्तम अहूँ ॥२॥ आसी सुकोसलरिसी चाउम्मासस्स पारणादिवसे। ओरुहमाणो य नगा खइओ मायाइ वग्धीए ॥३॥ धीधणियबदकच्छो पञ्चक्खाणम्मि मुदतु उवउत्तो । सो तहरि खजमाणो पडि० ॥ ४॥ उज्जेणीनयरीए अवंतिनामेण विस्सुओ आसी। पाओवगमनिबन्नो मुसाणमझम्मि एगते ॥५॥ तिन्नि रयणीइ खइओ भड्रंकी रुट्टिया विकड्दती । सोवि तह खजमाणो पडि० ॥६॥ जइमलपंकधारी आहारो सीलसंजमगुणाणं। अजीरणो य गीओ कत्तिय अजो सुरवरंमि ॥७॥ रोहीडगंमि नयरे आहारं फासुयं गवेसंनो। कोवेण खत्तिएण य भिन्नो सत्तिप्पहारेणं ॥८॥ एगंतमणाचाए विच्छिन्ने थंडिले चढ्य देहं । सोऽवि नह भिन्नदेहो पडि ॥९॥ पाडलिपुत्तंमि पुरे चंदयगुत्तस्स चेव आसीय। नामेण धम्मसीहो चंदसिरिं सो पयहिऊणं ॥७०॥ कुङउरमि पुरखरे अह सो अब्भुटिओ ठिओ धम्मे। कासीअ गिद्धप? पञ्चक्रवाणं विगयसोगो॥१॥ अह सोवि चत्तदेहो तिरिअसहस्सेहिं खजमाणो अ। सोऽवि तह खजमाणो पडिः ॥२॥ पाइलिपुनंमि पुरे चाणको नाम विस्सुओ आसी। सबारंभनिअत्तो इंगिणिमरणं अह निवनो ॥३॥ अणुलोमपूअणाए अह से सनू जओ डहइ देहं । सो तहवि डन्झमाणो पडिः॥४॥ गुट्ठयपाओवगओ सुबंधणा गोमये पलिवियंमि। डांती चाणको पडि० ॥ ५॥ काइंदीनयरीए राया नामेण अमयोसुत्ति। तो सो मुअस्स रजं दाऊणं इह चरे धम्मं ॥६॥ आहिडिऊण वमुहं मुत्तत्यविसारओ सुअरहस्सो। काइंदि चेव परि अह पत्तो विगयसोगो सो ॥ ७॥ नामेण चंडवेगो अह से पडिछिंदद तयं देहं । सो तहवि छिजमाणो पडिवनो०॥८॥ कोसंबीनयरीए छलि. अघडा नाम विम्मुआ आसी। पाओवगमनिवन्ना बनीस ने सुअरहस्सा ॥९॥ जलमज्झे ओगाढा नईइ पूरेण निम्ममसरीरा। तहविटु जलवहमले पडिवन्नाः ॥८॥ आसी कुलाण(णाल)नयरे राया नामेण समणदासो। नस्स अमचो रिट्ठो मिच्छादिट्टी पडिनिविट्ठो॥१॥ तत्व य मुणिवरवसही गणिपिङगधरोनहासि आयरिओ।नामेण उसहसेणो मुअसायरपारगो धीरो॥२॥ तस्सासी अ गणहरो नाणासस्थस्थगहि अपेआलो। नामेण सीहसेणो वायंमि पराजिओ रुहो ॥३॥ अह सो निराणुकंपो अग्गि दाऊण मुविहिअपसंते। सो नहवि (२३१) ९२४ संस्तारकपकीर्णकं, 10-25
मुनि दीपरत्नसागर