________________ नरमुरमुहाई / मुक्खसुहं पुण पत्तेण नवरि धम्मो स मे सरणं // 3 // निहलिअकलसकम्मो कयसहजम्मो खलीकयअहम्मो। पमहपरिणामरम्मो सरणं मे होउ जिणधम्मो // 4 // कालत्तएविन मयं जम्मणजरमरणवाहिसयसमय। अमयंव बहुमयं जिणमयं च सरणं पवनोऽहं // 5 // पसमिअकामपमोहं दिहादिसु नकलिअविरोएं। सिवमुहफलयममोहं धम्म०॥६॥ नस्यगइगमणरोहं गुणसंदोहं पवाइनिक्सोह। निहणिअयम्महजोहं धम्म०॥७॥ भासुरसुवचसुंदरस्यणालंकारगारवमहग्धं / निहिमिव दोगचहरं धर्म जिणदेसिअं वंदे // 8 // चउसरजगमणसंचिअसुचरिअरोमंचअंचियसरीरो। कयदुकडगरिहो असुहकम्मक्खयकंखिरो भणइ // 9 // इहमविअमनमवि मिच्छत्तपवत्तणं जमहिगरणं / जिणपवयणपडिकुटुं दुहुँ गरिहामि तं पावं // 50 // मिच्छत्ततमंघेणं अरिहंताइसु अवनवयणं जं / अन्नाणेण विरइयं इहिं गरि०॥१॥ सुअधम्मसंघसाहुसु पावं पडिणीअयाइ जं रहअं / अनेसु अ पावेसुं इहिं. // 2 // असु य जीवेसुं मित्तीकरुणाइगोयरेसु कयं / परिआवणाइ दुस्ख इहि // 3 // जं मणवयकाएहिं कयकारिअअणुमईहिं आयरियं / धम्मविरुद्धमसुदं सर्व गरि०॥४॥ अह सो दुकडगरिहादलिउकडदुकडो फुडं भणइ। सुकढाणुरायसमुइनपुषपुलयंकुरकरालो // 5 // अरिहत्तं अरिहंतेसु जं च सिद्धत्तणं च सिद्धेसु। आयारं आयरिए उज्झायत्तं उवज्झाए // 6 // साहूण साहुचरिअंच देसविरई च सावयजणाणं / अणुमन्ने सचेसिं सम्मत्तं सम्मदिट्ठीणं ॥आअहवा सर्व चिअ बीअरायवयणाणुसारि जं सुकर्य। कालत्तएवि तिविहं (चिहियं) अणुमोएमो तयं सवं // 8 // सुहपरिणामो निचं चउसरणगमाइ आयरं जीवो। कुसलपयडीउ बंधइ बदाउ सुहाणुबंधाउ // 9 // मंदणुभावा पदा तिघणुभावाउ कुणइ ता चेव / असुहाउ निरणबंधाउ कुणइ तिचाउ मंदाओ॥६०॥ ता एवं काय बुहेहि निबंपि संकिलेसम्मि। होइ तिकालं सम्मं असंकिलेसंमि सुकयफलं // 1 // चउरंगो जिणधम्मो न कओ चउरंगसरणमवि न कयं। चउरंगभवच्छेओ न कओ हा हारिओ जम्मो // 2 // इअ- जीवपमायमहारिवीरभदंतमेअमजायणं / झाएसु तिसंझमवंझकारणं निघुइसुहाणं // 63 // इइ चउसरणं पयन्नं 1 //