________________ मलाई अणसणाए विहिनिला जस्सहाए कीरति णग्गमावे मुंडमावे अण्हाणए जाय अदंतवणए अउत्तए अणोवाहणए फलहसेजा कट्ठसेजा केसलोए भवेवासे परघरपवेसे पिंडवायलजावलो उचावया य गामकंटया अहियासिजति नम8 आराहेति ता परिमेहिं उम्सासनिस्सासेहिं सिजिनहिनि जाव सम्बदुस्खाणं अंत काहिति. एवं खलु जंषु ! समणेणं भगश्या महा जाब निक्षेपओ, निसढायण १,एवं सेसावि एकारस अज्झयणा नेयम्बा संगहणीजणुसारेण अहीणमारिता एकारससुवि।३०॥॥२.१२ वहिदसा पंचमो वग्गो 12 // G卐.卐 निरयावलियामुयखंधो समत्तो, समत्ताणि उवंगाणि, निरयावलियाउर्वगेणं एगो सुयखंधो पंच वग्गा पंचसु दिवसेमु उहिस्संनि.नत्य चउसु बस 2 उडेसगा पंचमवग्गे पारस उससगा / 31 / श्रीनिरयायलिकाधुपांगपशकं 8-12 // श्रीसिदाद्वितहट्टिकारातशिलोत्कीर्णसकलागमोपेतश्रीवर्धमानजैनागममंदिर शिलायामुत्कीर्ण वीरस्य 2468 //