________________ एगजडी 80 दुजडी कर करिए रायऽम्गले पुष्ककेतू भावे केतू, संगहणी-इंगालए वियालए लोहितके सणिच्छर चेव। आहुणिए पाहणिए कणकसणामावि पंचेच // 89 // सोमे सहिते अस्सासणे य कजोवए य कारए। अयकरए दुंदुभए संखसणामावि तिष्णेय // 90 // तिमेव कंसणामा णीले रुप्पी य हुँति चनारि। भास तिल पुष्फवष्णे दगवणे काय बंधे य॥९१॥ इंदगी धूमकेतू हरि पिंगलए पुचे य सुके या बहसति राहु अगत्थी माणवए कामफासे य // 92 // धुरए पमुहे वियडे विसंधिकप्पे नियहि पयले य। जडियालए य अरुणे अग्गिल काले महाकाले // 93 // सोस्थिये सोचस्थिये पक्षमाणग तथा पलथे य। णिचालोए णिचुजोए सयंपभे चेव ओभासे // 94 // सेयंकर सेमंकर आभंकर पभंकरे य षोडो। अरए विरए य तहा असोग तह वीतसोगे य॥५५॥ विमले वितत विवत्ये विसाल तह साल सुपते चेव / अणियही एगजडी य होइ पिजडी य पोइयो // 96 // कर करिए रायऽग्गल बोदो पुष्फ भाव केतू या अट्ठासीति गहा खलु णेयचा आणुपुचीए // 9 // 106 // 20 पाहुई / इति एस पाहुडत्या अभाजणहिययाहा इणमो। उजित्तिता भगवती जोतिसरायस्स पछत्ती॥९८॥ एस गहितापि संती थद्धे गारवियमाणिपडिणीए। अबहुस्सुए ण देया तविपरीते भवे देया // 99 // सदाधितिउहाणुच्छाहकम्मबलविरिपरिसकारहि / जो सिक्सिओपि संतो अभायणे परिकहे (प.क्खिये)बाहि॥१०॥ सो पश्यणकुलगणसंपबाहिरो णाणविणयपरिहीणो। अरईतयेरगणहरमेरं किर होति बोलीणो 101 // तम्हा घितिउट्टाणच्छाहकम्मर सिक्खिों णाणं। धारेयत्रं णियमा ण य अविणएमु दायचं // 102 // वीरवरस्स भगवतो जरमरणकिलेसदोसरहियस्स। चंदामि शियपणतो सोक्सुप्पाए सया पाए॥१०३॥१०॥ इति श्रीसूर्यपज्ञप्त्युपांग, शिलोत्कीर्णसकलागमोपेतश्रीसिदाचलोपेत्यकागतश्रीवर्धमानजैनागममंदिरे शिलोत्कीर्ण कृतं वीरम्य 2468 बीविकमस्य 1998 आषाढकृष्णदशम्यां