________________ भावी तित्थगराणं णामाई पुचभवियाई॥१५५॥ एएसिणं चउब्बीसाए तित्वगराणं चउव्वीसं पियरो भविस्संति चउव्वीसं मायरो भविस्संति चउच्चीसं पढमसीसा भविस्सति चउव्वीसं पढमसिस्सिणीओ भविस्मति चउव्वीसं पदमभिक्खादायगा भविस्मति चउच्चीसं चेइयाक्वा भविस्संति, जंबुद्दीवेणं दीवे भारहे पासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए वारस चक्करविणो भविस्संति, सं०-भरहे य दीहदंते गृढदंते य सुद्धदंते य / सिरिउत्ते सिरिभूई. सिरिसोमे य सत्तमे // 156 // पउमे य महापउमे विमलवाहणे (ले तह) विपुलवाहणे चेव / वरिट्टे चारसमे वुत्ते, आगमिसा भरहाहिवा // 157 // एएसिं णं बारसण्हं चकचट्टीणं वारस पियरो भविस्संति वारस मायरो भविस्संति बारम इत्थी. रयणा भविस्मंति, जंबुद्दीवेणं दीवे भारहे वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए नव बलदेववासुदेवपियरो भविस्संति नव बासुदेवमायरो भविस्संति नव बलदेवमायरो भविस्संति, नव दसारमंडला भविस्संति, सं०- उत्तमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपुरिसा ओयंसी तेयंसी एवं सो चेव वण्णओ भाणियब्वो जाव नीलगपीतगवसणा दुवे दुवे रामकेसवा भायरो भविस्संति, सं०-नंदे य नंदमिने दीहवाहू तहा महाबाहू / अइचले महाचले बलभद्दे यसत्तमे // 158 // दुविठू य तिविठू य आगमिस्साण वण्हिणो। जयंते विजए भहे सुप्पभे य सुदंसणे। आणंदे नंदणे पउमे, संकरिसणे य अपच्छिमे // 159 // एएसिणं नवण्हं बलदेववासुदेवाणं पुखभविया णव नामधेजा भविस्सति नव धम्मायरिया भविस्मति नव नियाणभमीओ भविस्सति नव नियाणकारणा भविस्संति नव पडिसत्तू भविस्मति तं०-तिलए य लोहजंघे वइरजंघे य केसरी पहराए / अपराइए य भीमे. महाभीमे य सुग्गीवे // 160 // एए खलु पटिसन किती परिसाण वासुदेवाणं / सोऽवि चक्कजोही हम्मिहिंति सचक्केहिं // 161 // जंबुद्दीवे एवए वासे आगमिस्साए उस्सपिणीए चउवीसं तिस्थकरा भविस्संति. तं०-सुमंगले अ सिद्धत्थे, णिवाणे य महाजसे। धम्मज्झए य अरहा. आगमिस्साण होक्सई // 162 // सिरिचंदे पुष्फकेऊ, महाचंदे य केवली / सुयसागरे य अरहा, आगमिस्साण होक्खई // 163 // सिद्धत्त्थे पुण्णघोसे य, महाघोसे य केवली / सबसेणे य अरहा. आगमिस्साण होक्पई // 164 // सूरसेणे य अरहा, महासणे य केवली / सवाणंदे य अरहा. देवउत्ते य होक्खई // 165 // सुपासे सुव्वए अरहा, अरहे य सुकोसले / अरहा अणंतविजए, आगमिस्सेण होक्खई // 166 // विमले उत्तरे अरहा, अरहा य महाचले / देवाणंदे य अरहा, आगमिस्मण होक्खइ // 167 // एए कुत्ता चउव्वीसं. एरवयम्मि केबली / आगमिस्साण होक्खंति, धम्मतित्थस्स देसगा // 168 // बारस चकवहिणो भविस्संति वारस चकबहिपियरो भविस्संति बारस० मायरो भविस्संति बाग्म० इवीरयणा भावस्संति. नव बलदेववासुदेवपियरो भविस्संति णय वासुदेवमायरो भविस्संति णव बलदेवमायरो भविस्संति णच दसारमंडला भविस्संति उत्तमपुरिसा मज्झिमपुरिसा पहाणपूरिसा जाव दुवे दुवे रामकेसवा भायरो भविस्सति णव पडिसन भविस्सति. नव पुब्वभवणामधेजा णव धम्मायरिया णय णियाणभूमीओ णव णियाणकारणा, आयाए एखए आगमिस्साए भाणियवा, एवं दोसुवि आगमिस्साए भाणियचा / 159 / इन्चेयं एवमाहिजति. तं- कुलगरवसेइ य एवं तित्थगरवंसेइ य चक्रवट्टिक्सेइ य गणधरवसेइ य इसिवंसेइ य जइसेइ य मुणिवंसेइ य सुएइ वासुअंगेइ वा सुयसमासेइ वा सुयखंधेइ वा समवाएइ या संखेइ वा समवायमंगमक्खायं अज्झयणन्तिचेमि।१६०॥