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भीतर के पृष्ठों में ...
१. व्यवहार और स्वभाव : व्यक्तित्व-विकास का पहलाआधार २. बालक : जन्म, विकास और समायोजन ३. सफल जीवन के लिए जरूरी : सक्रिय बचपन ४. बच्चों को सिखाएँ बेहतर भाषा
नियंत्रण करेंप्रतिकूल संवेगों पर ६. संयम रखें, क्रोध के संवेग पर
प्रेम की पवित्र भावना ८. बच्चों का सामाजिक विकास
बौद्धिक विकास के मापदण्ड १०. बच्चों का मानसिक विकास ११. मूल प्रवृत्तियों को दीजिए बेहतर दिशा १२. चिन्तन-शक्ति का तार्किक विकास १३. सुझावदीजिए प्रेमपूर्वक १४. बच्चों को दीजिए बेहतरीन भाषा १५. चरित्र-निर्माण : श्रेष्ठ व्यक्तित्वकी पूंजी १६. धार्मिक मूल्यों का व्यक्तित्व-निर्माण से सम्बन्ध १७. व्यक्तित्व-विकास की मौलिक संभावनाएँ
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