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________________ की ओर अंगड़ाई ले रहा है, तो हम कितनी ही चेष्टा करें, उसे विमुख नहीं कर पाएंगे। बलात् बाहर से विमुख कर भी डालें, पर भीतर से वह अपने स्वभाव के तांगे पर सवार रहेगा। बाहर से ब्रह्मचर्य साध लेगा, पर अन्तः करण वासना के बवण्डर से घिरा रहेगा। मैने दोनों तरह के व्यक्ति देखे हैं। एक व्यक्ति ऐसा भी देखा है, जिसकी साधु बनने की इच्छा थी, किन्तु घर वालों ने जबरदस्ती उसकी शादी कर दी। एक व्यक्ति ऐसा भी देखा है, जिसकी शादी करने की इच्छा थी, किन्तु लोगों ने उसे जबरन संन्यास दिला दिया। दोनों ने स्वभाव के विरुद्ध काम किया। नतीजा यह हुआ कि दोनों ही घुट-घुटकर मर गये। मुझे अब तक जो सबसे बढ़िया पुस्तक लगी, वह है 'सिद्धार्थ'। इसने जबरदस्त प्रभावित किया मुझको और मेरे विचारों को। मैने इससे यही प्रेरणा पायी कि व्यक्ति का - जीवन उसके अन्तरंग में छिपे-दबे रहे स्वभाव के अनुसार चलता है। वह यदि उसके विपरीत कोई काम भी करेगा, तो काम का अंतिम परिणाम हमेशा उसके स्वभाव के अनुकूल होगा। हम सब संसार के अंग हैं। संसार का अपना स्वभाव है। जो लोग संसार के स्वभाव में हैं, वे निश्चयतः विभाव में हैं। उनका विभाव बदलना जरूरी है। बदलाहट कभी दबाव या प्रतिबंध से नहीं आती वरन स्वाभाविक रूप से आती है। व्यक्ति दुत्कारने से नहीं, पुचकारने से सुधरेगा। ठुकराने से नहीं, मुस्कुराने से सुधरेगा। बाहर के व्यवहारों में परिवर्तन दिलाने की कोशिश कम करो। करना है तो भीतर के विचारों में परिवर्तन दिलाने की कोशिश करो। भीतर में हुआ परिवर्तन बाहर के लिए शत-प्रतिशत प्रभावकारी होता है। दबाव से तो व्यवहार बदलाया जा सकता है, पर विचार नहीं। व्यवहार एक राजनैतिक चाल है। विचार का अस्तित्व उससे जुदा है। दोनों की दोस्ती असलियत को जनम देती है। विचार और व्यवहार में द्वैत होने के कारण ही तो इन्सान के दो चेहरे नजर आते हैं। नकली चेहरे ज्यादा सामने आते हैं और असली चेहरे छुपाकर रख लिये जाते हैं। क्या मिलिये ऐसे लोगों से, जिनकी सूरत छिपी रहे। नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छिपी रहे। संसार और समाधि 40 -चन्द्रप्रभ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003899
Book TitleSansar aur Samadhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year1991
Total Pages172
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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