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ऊर्जा का संचार करता है। यह पुस्तक एक ही बैठक में सरसरी तौर पर पढ़ी जाने वाली नहीं है, बल्कि धीरे-धीरे पढ़ने, मनन करने और जीवन में उतारने लायक है। जीवन में प्रकाश की किरण पाने के लिए यह पुस्तक प्राची में सूर्योदय की तरह है । यह पुस्तक पढ़ने के साथ
लगता है कि सुमधुर और सुव्यवस्थित जीवन जीना कितना सहज है और कितना व्यावहारिक भी । सकारात्मक सोच से ओत-प्रोत इस पुस्तक के गुण-सूत्रों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो इससे अच्छा धर्म और कर्म नहीं हो सकता ।
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- डॉ. अनिल मेहता राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर
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