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________________ आठवें माह में ही बच्चे का जन्म हो गया। एक दिन की कीमत जानने के लिए उस मजदूर से सम्पर्क कीजिए जिसे एक दिन की दैनगी नहीं मिल पाई। एक घंटे की कीमत जानने के लिए सिकंदर को पढ़िए, जिसे सम्पूर्ण साम्राज्य की कुर्बानी देने पर भी घंटे भर की जिंदगी और न मिल पाई। एक मिनट की कीमत क्या है, यह तो वह बता सकता है, जो वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर की इमारत गिरने से ठीक एक मिनट पहले बाहर निकला था। एक सैकेण्ड की कीमत वह तैराक बता सकता है, जो मात्र एक सैकेण्ड के कारण स्वर्णपदक से वंचित रह गया। ___ आप स्वयं को व्यवस्थित करने के लिए समय की पाबंदी को जीवन से जोड़िए। संबोधि-धाम के सचिव हैं श्री महेन्द्र लोढ़ा। उनकी समय की पाबंदी का आलम देखिए कि वे बारह बजकर पैंतीस मिनट पर ही भोजन करते हैं। केवल वे ही नहीं, उनके घर का हर सदस्य भी बारह बज कर पैंतीस मिनट पर ही भोजन करता है। वे बारह बज कर पन्द्रह मिनट पर कहीं भी हों, कुछ भी कर रहे हों, बिना किसी संकोच के, तत्काल खड़े हो जाएँगे और घर के लिए रवाना। कोई टोके या पूछे तो सहज मुस्कुराते हुए कह देंगे कि 'मेरे एक के लेट होने से घर वाले सभी लेट हो जाएंगे। मेरे लेट होने का फल उन्हें भुगतना पड़ेगा।' अब आप समझ सकते हैं कि जो लोग भोजन के इतने पाबंद हैं, वे जीवन के अन्य पहलुओं के प्रति कितने अधिक पाबंद और जागरूक रहते होंगे। __ वे अपने हर दिन की शुरूआत ही सत्संग से, अमृत वाणी से करते हैं। हर सुबह पौने चार से पौने पाँच बजे तक हमें सुनते हैं। एक घंटा कैसेट से सत्संग। ज्ञान की दृष्टि से हमने उन्हें पक्का कर दिया, संकल्प और समय-प्रबन्धन की दृष्टि से उन्होंने अपने आप को पक्का कर लिया। आप आज शाम को धैर्यपूर्वक बैठें। अपने कार्य-कलाप, अपनी आवश्यकता, अपने लक्ष्य और विश्वासों पर मनन करें, फिर देखें कि व्यवस्थित करें स्वयं को ३१ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003896
Book TitleKaise Jiye Madhur Jivan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2009
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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