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तुम मुक्त हो, अतिमुक्त : श्री चन्द्रप्रभ श्री चन्द्रप्रभ जी के छोटे-छोटे सूक्त वचनों का संकलन। पृष्ठ १००, मूल्य ७/रोम-रोम रस पीजे : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर जीवन के हर कदम पर मार्ग दर्शाता चिन्तन-सूत्रों का दस्तावेज।
पृष्ठ ८८, मूल्य १०/ध्यान की जीवंत प्रक्रिया : सुश्री विजयलक्ष्मी जैन ध्यान की सरल प्रक्रिया जानने के लिए बेहतरीन पुस्तक। ध्यान-शिविर का ब्यौरा ।
पृष्ठ १२०, मूल्य १०/व्यक्तित्व-विकास : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर हमारा व्यक्तित्व ही हमारी पहचान है, तथ्य को उजागर करने वाला बाल-मनोवैज्ञानिक प्रकाशन।
पृष्ठ ११२, मूल्य १०/संभावनाओं से साक्षात्कार : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर जीवन के विविध पहलुओं का स्पर्श करते हुए श्री चन्द्रप्रभजी के महत्त्वपूर्ण आलेख।
पृष्ठ ९२, मूल्य १०/बिना नयन की बात : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर अध्यात्म-पुरुष श्रीमद् राजचन्द्र के प्रमुख पदों पर मानक प्रवचन।
पृष्ठ १००, मूल्य १०/भगवत्ता फैली सब ओर : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर कुन्दकुन्द की गाथाओं पर मार्मिक उद्भावना। कम शब्दों में अधिक सामग्री।
पृष्ठ १००, मूल्य १०/पर्युषण-प्रवचन : श्री चन्द्रप्रभ पर्युषण-महापर्व के प्रवचनों को घर-घर तक पहुँचाने के लिए एक प्यारा प्रकाशन; भाषा सरल, प्रस्तुति मनोवैज्ञानिक। पढ़ें कल्पसूत्र को अपनी भाषा में।
पृष्ठ १२०, मूल्य १७/जिन-सूत्र : श्री चन्द्रप्रभ भगवान् महावीर की अमृत वाणी के नित्य पठन एवं प्रेरणा के लिए तैयार किया गया विशिष्ट संकलन; समणसुत्तं का संक्षिप्त, संशोधित रूप। पृष्ठ १८०, मूल्य १०/आत्मदर्शन की साधना : श्री चन्द्रप्रभ आत्म-साधना के मार्ग को प्रशस्त करते विशिष्ट उद्बोधन । अष्टपाहुड़ के विशिष्ट सूत्रों पर नवीनतम विश्लेषण।
पृष्ठ १६०, मूल्य १२/
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