________________
शिखरजी तीर्थ दर्शन : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर जैन तीर्थ सम्मेत शिखरजी के इतिहास एवं विकास का विस्तृत ब्यौरा।
पृष्ठ ४८, मूल्य ५/
प्रेरणा : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर संसार में समाधि के फूल कैसे खिल सकते हैं, आध्यात्मिक संतों के जीवन से जुड़े सच्चे घटनाक्रमों के द्वारा उसी का सहज विन्यास। पृष्ठ १००, मूल्य १५/सत्यम् शिवम् सुंदरम् : श्री चन्द्रप्रभ श्री चन्द्रप्रभ के विशिष्ट जीवन-सूत्रों का संकलन । बातें छोटी, भाव गहरे ।
पृष्ठ १६०, मूल्य ३०/जिन-शासन : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर काव्य-शैली में जैनत्व को समग्रता से प्रस्तुत करने वाला एकमात्र सम्पूर्ण प्रयास।
पृष्ठ ८०, मूल्य ३/महान् जैन स्तोत्र : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर अत्यन्त प्रभावशाली एवं चमत्कारी जैन स्तोत्रों का विशाल संग्रह।
पृष्ठ १२०, मूल्य १०/भोमिया भावांजली : प्रकाशकुमार दफ्तरी अधिष्ठायक देव श्री भोमियाजी महाराज के लोकप्रिय भजनों का प्यारा-सा संकलन।
पृष्ठ ६४, मूल्य ७/ऐसी हो जीने की शैली : श्री चन्द्रप्रभ जीवन और धर्म-पथ को पुनर्परिभाषित करते हुए जीने की साफ-स्वच्छ राह दिखाती पुस्तक।
पृष्ठ १७६, मूल्य ३०/पंच प्रतिक्रमण सूत्र : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर जैन धर्म परम्परा में प्रचलित पंच प्रतिक्रमण सूत्र का विधि सहित प्रकाशन । साथ ही सप्त-स्मरण, विविध स्तोत्र, रास एवं स्तुति-पाठ। पृष्ठ २००, मूल्य २५/श्री अगरचन्द नाहटा : व्यक्तित्व एवं कृतित्व : शारदा गोस्वामी प्राचीन साहित्य एवं इतिहास के मूर्धन्य विद्वान श्री अगरचंद नाहटा के जीवन-वृत्त एवं कर्तृत्व पर लिखा गया शोध-प्रबन्ध । साथ ही श्री नाहटा के लिखे-छपे पाँच हजार से अधिक लेखों का सूची-पत्र।
पृष्ठ ३००, मूल्य ५०/
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org