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पंछी लौटे नीड़ में : श्री चन्द्रप्रभ अन्तर-साधना एवं व्यक्तित्व-विकास के सूत्रों को मनोवैज्ञानिक तरीके से उजागर करता एक पठनीय ग्रन्थ।
पृष्ठ १६०, मूल्य ३०/महागुहा की चेतना : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर संबोधि का प्रकाश आत्मसात् करने के लिए साधकों-मुमुक्षुओं को दिया गया अमृत मार्गदर्शन। संबोधि-सूत्र का मानक प्रवचन।
पृष्ठ २२२, मूल्य ४०/ध्यान का विज्ञान : श्री चन्द्रप्रभ ध्यान की सम्पूर्ण गहराइयों को प्रस्तुत करता एक अभिनव ग्रन्थ । अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बहुचर्चित ग्रन्थ।
पृष्ठ १२४, मूल्य २५/न जन्म, न मृत्यु : श्री चन्द्रप्रभ मुक्ति और अमरता की खोज में उद्घाटित करती अन्तर्दृष्टि । अष्टावक्र-गीता पर दिये गए अद्भुत, अनुभव-सिद्ध प्रवचन।
पृष्ठ १६०, मूल्य ३०/अब भारत को जगना होगा : श्री चन्द्रप्रभ उस मानव चेतना के जागरण का आह्वान जो आज कायर और नपुंसक बन बैठी है। भारतीय दृष्टि एवं मूल्यों को नये सिरे से समझने का एक नवीनतम उपक्रम।
पृष्ठ १५०, मूल्य ३०/झरै दसहूँ दिस मोती : श्री चन्द्रप्रभ धर्म, अध्यात्म और जीवन-सिद्धान्तों के बीच स्थापित किया जाने वाला एक अनूठा सामंजस्य। भाषा सरल, भाव गंभीर । जो उतरे, सो पावे। पृष्ठ २२४, मूल्य ३०/स्वयं से साक्षात्कार : श्री चन्द्रप्रभ मन-मस्तिष्क की ग्रन्थियों को खोलने के लिए ध्यान-शिविर में दिये गये अमृत प्रवचन ।
पृष्ठ १४६, मूल्य २०/ज्योति कलश छलके : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर जीवन-मूल्यों को ऊपर उठाने वाली एक प्यारी पुस्तक । भगवान् महावीर के सूत्रों पर प्रवचन।
पृष्ठ १६०, मूल्य ३०/शिवोऽहम् : श्री चन्द्रप्रभ जीवन की ऊँचाइयों को आत्मसात् करने के लिए एक तनाव-मुक्त स्वस्थ मार्ग-दर्शन ।
पृष्ठ १००, मूल्य १०/
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