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________________ नई ऊर्जा व सार्थक दिशा उपलब्ध होगी। केवल कृति को पढ़ने से ही प्रस्तुत पुस्तक से पता चलता है कि जीवन जीना वास्तव में पूर्णता नहीं आएगी वरन् जो वचन हृदय को छू जाए उसे बड़े अक्षरों में चुनौतीपूर्ण कार्य है। जो इस चुनौती का सामना करना जानता है उसके लिखकर जहाँ हमारी नज़रें ज़्यादा केन्द्रित होती हैं, वहाँ लगाने से हमारे लिए ज़िंदगी केवल ज़िंदगी नहीं रहती वरन् आनंदपूर्ण ज़िंदगी बन भीतर स्वतः ही कुछ घटित होने लग जाएगा। जीवन की सफलता के ___ जाती है और जो जीवन में मिली चुनौतियों के आगे घुटने टेक देता है लिये ये वचन हमारे लिए अमृत हैं। यद्यपि श्री चन्द्रप्रभ ने गीता पर उसकी ज़िंदगी हताश हो जाती है। ज़िदगी जीने के लिए यह पुस्तक गहरी व्याख्या लिखी है, पर उनकी गीता किसे कहा जाए तो वह है रामबाण औषधि की तरह है। 'जीने के उसल'। खुशहाल जिंदगी बनाने में इसकी अद्वितीय भूमिका कैसे जीएँ मधर जीवन है। हम इसे पवित्र शास्त्र की तरह सदा अपने पास रखें और जब भी हमें ___ इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने मनुष्य जीवन को प्रकृति की सर्वोत्तम मानसिक शक्ति देने वाले टॉनिक की ज़रूरत लगे, हम इसका कोई भी कृति मानते हुए कहा है कि इंसान के पास वह सब कुछ है जो धरती पर पन्ना तत्काल पढ़ लें, हमारे में तुरंत नई ताज़गी, विश्वास और अन्य जीवों के पास नहीं है। मनन करने के लिए मन है, निर्णय लेने के सकारात्मक चेतना का संचार होने लग जाएगा। लिए बुद्धि है, प्रेम करने के लिए दिल है,भावों की अभिव्यक्ति के लिए ऐसी हो जीने की शैली वाणी है। अगर इंसान अपनी क्षमताओं और विशेषताओं का बेहतर इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने जीने की शैली का सीधा-सरल उपयोग करना सीख जीए तो वह मधुर जीवन का मालिक बन सकता रास्ता प्रतिपादित किया है। यह जीवन को हर तरह से समृद्ध बनाने है। हम अपनी क्षमताओं का कैसे बेहतर उपयोग करें और मधुर जीवन वाली पुस्तक है। इसमें परिवार, समाज, धर्म, अध्यात्म, तप-त्याग, के मालिक कैसे बनें? इन्हीं प्रश्नों का बेहतरीन ज़वाब इस पुस्तक में संत-गृहस्थ, हिन्दुत्व की नए ढंग से वर्तमान सापेक्ष व्याख्याएँ हुई हैं। दिया गया है। यह पुस्तक इंसान को चिंतामुक्त जीवन जीने, आत्मविश्वास से भरा प्रस्तत पस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने जीवन में मधुरता को इज़ाद करने रहने, प्रतिकूलताओं में प्रतिक्रियाशील न होने, हर कृत्य को प्रभु-पूजा के लिए स्वयं को व्यवस्थित करने, स्वभाव को सुधारने, सोच को मानकर जीवन जीने के सरल गुर देती है। जीवन की हर गतिविधि, हर बेहतर बनाने और योग को आत्मसात करने से जुड़े हुए ऐसे सरल मंत्र अभिव्यक्ति को सौम्य, मधुर और भव्य बनाने में पुस्तक की महत्त्वपूर्ण दिए हैं जिससे जीवन को सम्यक दिशा प्रदान की जा सकती है। भूमिका है। व्यवहार से व्यापार तक, परिवार से समाज तक, सोच से घरको कैसे स्वर्ग बनाएँ वाणी तक, धर्म से अध्यात्म तक, जन्म से मरण तक सब कुछ सत्यम्शिवम् सुन्दरम् की तरह हो, ऐसी दृष्टि घटित करने में यह पुस्तक सूर्य श्री चन्द्रप्रभ ने इस पुस्तक में जीवन के हर हिस्से को सशक्त करने का काम करती है। के लिए बेहतर मार्गदर्शन दिया है। उनके द्वारा घर को स्वर्ग बनाने के गुर, बच्चों का उज्ज्वल भविष्य, सुखी बुढ़ापे का राज, रोग मुक्त जीवन पल-पल लीजिए जीवन का आनंद और सफलता पर दिए गए सूत्रों को आत्मसात कर हम निश्चय ही इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने जीवन को आध्यात्मिक तरीके से अपने जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं। इस पुस्तक में परिवार, बच्चे, जीने की प्रेरणा दी है। व्यक्ति किस तरह पल-पल आध्यात्मिक आनंद बुढापा, रोग-मुक्ति, सफलता जैसे बिन्दुओं पर बहुत ही सुंदर तरीके से को प्राप्त कर सकता है, इसका उन्होंने सरल मार्ग सुझाया है। उन्होंने विश्लेषण हआ है। पुस्तक को पढ़ने से अलग तरह का सुकून मिलता परम्परागत शिक्षा, धर्म और व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिह्न खड़े किए हैं। है साथ ही जीवन-निर्माण की प्रेरणा भी। पुस्तक में शब्द, भाव, वे मानवता के मंदिरों का निर्माण चाहते हैं। उन्होंने पुस्तक में जीवन का अभिव्यक्ति, अनुभव सभी का समायोजन देखने योग्य है। यह पुस्तक बोध जगाने, गाली की बजाय गीतों को गुनगुनाने, सरलता की सुवास हमारे लिए जीवन-विकास की नींव का काम करती है। रखने, वर्तमान को गौरवपूर्ण बनाने व हाथ में बुद्धत्व की विरासत रखने शानदार जीवन के दमदार नुस्खे का मार्गदर्शन दिया है। श्री चन्द्रप्रभ वैज्ञानिकता की तुला पर सभी सिद्धांतों को तोलना चाहते हैं। उनकी प्रभु-मंदिरों की बजाय मानवता इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने शानदार जीवन का मालिक बनने का के मंदिरों के निर्माण की पहल करना आदरणीय है। वे जीवन को उन्नत मार्ग थमाया है। वे जीवन द्रष्टा संत हैं एवं जीवन का कल्याण करना देखना चाहते हैं न कि परम्परागत धर्म के नाम पर जीवन को स्वाहा कर उनकी प्रथम प्रेरणा है। उन्होंने जिंदगी के महत्त्व पर प्रकाश डाला है देना। उनके द्वारा तपस्या, धर्म, मुक्ति, सरलता, जीवन पर की गई एवं जीते-जी स्वर्ग सुख को पाने के नुस्खे बताए हैं। श्री चन्द्रप्रभ ने व्याख्याएँ अद्भुत व आनंदपूर्ण हैं। जीवन को आनंदपूर्ण बनाने के लिए क़िस्मत को जगाने के लिए मन की संकल्प-शक्ति को आवश्यक माना है। उनके द्वारा लाइफ मैनेजमेंट, धर्म,सफलता, इबादत से पहले मदद यह पुस्तक बेशक़ीमती हीरा है। पर की गई व्याख्याएँ अद्भुत हैं। वे जोश भी भरते हैं और होश भी। वाह ! ज़िंदगी प्रस्तुत पुस्तक में उन सभी बातों का बेहद सटीक ढंग से चित्रण इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने जीवन को जीवंत बनाने व ऊपर हुआ है जो जीवन को स्वाद से भरती है। पुस्तक का सार-मंत्र इतना है : उठाने का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने स्वयं का प्रबंधन करने, जीओ शान से, शुरुआत मुस्कान से। चारों तरफ बिखरी खुशियों को आत्मविश्वास को जगाने, प्रेम को प्रभु की इबादत बनाने, देश की बटोरने के लिए यह पुस्तक गुलाब के फूल का काम करती है। समस्याओं को मिटाने और परिवार को स्वर्ग बनाने जैसे विषयों पर बेहतरीन मार्गदर्शन दिया है व जीवन से जुडी समस्याओं का वैज्ञानिक बातें जीवन की,जीने की समाधान भी प्रदान किया है। इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने आम इंसान के जीवन में प्रतिदिन 38 संबोधि टाइम्स For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.003893
Book TitleSambdohi Times Chandraprabh ka Darshan Sahitya Siddhant evam Vyavahar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShantipriyasagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2013
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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