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________________ अच्छा होगा कुछ देर के लिए अपनी आँखों को मूंदो और उस विराट स्वरूप का हृदय में स्मरण करो। अपने परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करो कि भगवन्, यह ज़िंदगी ऐसी ही गुजर गई। सत्संगों को सुनकर, इन वेदों, आगमों, पिटकों को पढ़-पढ़कर ज़िंदगी चली गई, पंडित हो गये, मगर उस पंडिताई ने हमें पत्थर बना दिया । अच्छा होगा, तुम आओ हमारे अन्तःकरण में और एक झलक दिखा जाओ । जैसी झलक आपने तुलसीदास को दी, जैसी झलक सूर, मीरा और चैतन्य महाप्रभु को दी । ऐसी ही झलक हम सबको मिले । I हे प्रभु ! हमें असत् से बचा, आसक्ति, वासना और अहंकार से बचा ! असत् सम्बन्धों से बचा । हे अन्तर्यामी ! हे मीरा के गिरधर, शबरी के राम ! नामदेव के विट्ठल ! गौतम के महावीर ! आनन्द के बुद्ध ! तेरे नाम अनन्त, रूप अनन्त । मैं नहीं जानता तुम्हें कैसे रिझाएं। हम असत्य से निकल सकें, यह हमारे बस की बात नहीं, लेकिन तेरी करुणा पर विश्वास है। तू हमें बल दे, हमें तेरे स्वभाव में समा ले । पग घुंघरू बांध मीरा नाची रे । मैं तो मेरे नारायण की आप ही हो गई दासी रे । लोक कहे मीरा भई बावरी, न्यात कहे कुलनाशी रे । विष का प्याला राणा ने भेजा, पीवत मीरा हांसी रे । के प्रभु गिरधर नागर, सहज मिलै अविनासी रे ॥ लोग चाहे जो कहें, चाहे कुलनाशी कहें या लंपट । भले ही राणा विष के प्याले भेजते रहे, मगर परमात्मा का प्रसाद ही इतना अनूठा है कि मीरा अहोभाव से उसे पी ही जाती है। अगर प्रेम से ज़हर का प्याला पी लो, तो वह ज़हर भी अमृत हो जायेगा और बेमन से अगर हमें अमृत का प्याला भी पीने को मिल जाये, तो वह भी ज़हर हो जायेगा । उसको ज़हर होना ही पड़ेगा। यह घटना तो सहज रूप में घटती है । अविनाशी किस क्षण आकर मिल जाता है, पता नहीं चलता । ज़िंदगी भर तुम पुकारते रहते हो और अचानक उस भगवत्-स्वरूप की मूर्ति में हलचल होती है और वही हलचल तुम्हारे लिए निमंत्रण बन जाती है, तुमको अपनी आगोश में ठीक वैसे ही खींच ले जाती है, जैसे मीरा कृष्ण की मूर्ति में समा गई थी । तब शरीर यहीं रह जाता है और तुम भगवत्-स्वरूप हो जाते हो । Jain Education International For Personal & Private Use Only समर्पण ही चाहिए | 133 www.jainelibrary.org
SR No.003890
Book TitleJago Mere Parth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2002
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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