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________________ महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई। पर जहां ये अहिंसा के आदर्श हैं वहीं सम्पूर्ण संसार के किसी द्वीप और महाद्वीप पर, उतनी ज्यादा हिंसा और युद्ध नहीं हुए, जितने भारत में हुए । ___ हम सारे विश्व के युद्धों की व्याख्या करें या इतिहास को देखें तो हम पाएंगे कि केवल भारत में ही पिछले ढाई हजार वर्षों में पांच हजार से अधिक युद्ध हुए हैं। कोई भी एक युद्ध हजारोंलाखों लोगों के संहार का कारण बनता हैं। करोड़ों की सम्पत्ति का नुकसान करता है। युद्ध तो आखिर युद्ध है। अगर ये पांच हजार युद्ध न हुए होते तो आज भारत का इतिहास कुछ और ही होता । रूप ही कुछ और होता। तब भारत अमेरिका और रूस का याचक नहीं, वरन उनका बादशाह, नियंता होता । एक संस्कृति के निर्माण में बीस वर्ष लगते हैं लेकिन एक युद्ध बीस संस्कृतियों को नष्ट कर देता है। यदि ये पांच हजार युद्ध न होते तो भारत की संस्कृति एक लाख गुणा अभिवद्धित होती। महावीर अहिंसा की बात करते रहे, लेकिन उनके समय में युद्ध भी होते रहे। जैनों के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव जब परम ज्ञान को उपलब्ध हुए तो उन्होंने अपनी पहली देसना अहिंसा की दी। लेकिन ये उनकी, एक तीर्थंकर की विडम्बना रही कि उन्हीं ऋषभदेव के पुत्र और पौत्र आपस में लड़ते-झगड़ते रहे। भरत और बाहुबलि के बीच युद्ध लड़ा गया। हिंसा और अहिंसा का विरोधाभास भारतीय संस्कृति में निरंतर चलता रहा है। ऐसा ही विरोधाभास परिग्रह और अपरिग्रह में रहा है । . ऋषभदेव ने अपना सर्वस्व त्याग दिया और परम ज्ञान को उपलब्ध हुए, वहीं उनके पुत्रों ने परिग्रह को बटोरने में युद्ध का (६२ ) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003889
Book TitleSamay ki Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year1995
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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