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________________ सहारा लिया। जिसे ऋषभदेव ने छोड़ दिया, उसे प्राप्त करने को उनकी संतानें लड़ने लगी। विश्व-विजय की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते ऐसा हुआ। हम अपरिग्रह के दो आदर्श देखते हैं : पहले महावीर और दूसरे महात्मा गांधी। महावीर ने तो पूरी तरह नग्नता धारण की । उन्होंने समझ लिया कि वस्त्रों को रखना भी परिग्रह है। इसलिए वस्त्र भी त्याग दिए। महात्मा गांधी ने लंगोटी धारण की। महावीर के अपरिग्रह को गांधी ने फिर से जीवित किया। अगर महावीर के युग में गांधी हुए होते तो निश्चित रूप से वे नग्न रहते और गांधी के युग में महावीर होते तो वे भी लंगोटी धारण करते । जब महावीर हुए थे, तब हिन्दुस्तान की आधी से ज्यादा आबादी नग्न रहती थी और जंगलों में रहती थी। आधी आबादी गरीब और नग्न रहती हो तो महावीर तो यही मोचेंगे कि मैं कैसे कपड़े पहनू।। विश्व में आज भी कुछ आदिवासी इलाके ऐसे हैं जहां आदिवासी नग्न रहते हैं। पुरुष ही नहीं महिलाएं भी। स्त्री-पुरुष जहां नीचे का भाग मामूली-सा ढकते हैं वहीं औरतें ऊपरी भाग खुला ही रखती हैं। अफ्रीका में महिलाएं अपने ऊपर का हिस्सा खुला रखें तो चिंता की बात नहीं है लेकिन हमारे यहां वैसा नहीं किया जा सकता। यहां तो महिला को ऊपर का हिस्सा ढंक कर रखना ही पड़ेगा । जिस युग में महावीर हुए, उस समय आधी से अधिक जनता नग्न रहती थी, इसलिए महावीर का नग्न रहना समझ में आ सकता है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003889
Book TitleSamay ki Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year1995
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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