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मरने के बाद तो स्वर्ग उन्हें ही मिलेगा जो आज के जीवन को स्वर्ग बनाकर जी रहा है । जिसका आज का दिन स्वर्ग, उसको मरने के बाद भी स्वर्ग मिलेगा । प्राज जो करोगे, कल वही मिलेगा । कल तो आज का भुगतान भर है ।
आज आपने क्रोध किया, कर्मों का बन्धन बाँध लिया । अगले जन्म में आपको क्रोध मिलेगा | वो चंडकोषीय वाली घटना तो पुरानी हो गई । आज तो हाथो-हाथ भुगतान मिलता है । आज क्रोध किया तो उसका दुष्परिणाम आज ही मिलेगा । कल किसने देखा । क्रोध किया, आँखें प्रेत-सी लाल हुईं खून जला, ऊर्जा व्यर्थ हुई, मन की शांति खण्डित हुई । क्रोध का यह परिणाम हुआ । मन की शान्ति भंग हुई यानी मन का स्वर्ग मिटा । ऐसा मत समझियेगा कि चढ़ावा बोल देने मात्र से पुण्य मिल जाएगा। आपके हर कदम पर पाप और पुण्य जुड़े हैं । जिस समय जो काम करना है, उसे कर लिया तो समझो पुण्य कमा लिया और न करने वाला काम किया तो पाप का भागी होना पड़ेगा ।
आप भूखे हैं और भोजन कर लेते हैं तो यह पुण्य होगा क्योंकि आपके भूखे पेट को आराम मिलेगा । काम करने के लिए शरीर में ऊर्जा आएगी। इसकी बजाय अपने भर पेट होने के बाद भी भोजन किया तो पेट खराब हो जाएगा । आपको अपच की शिकायत होगी । सही सन्तुलन जरूरी है । भूख लगी और भोजन किया, तो पुण्य और पुण्य का फल स्वास्थ्य होगा । बगैर भूख के भोजन किया, तो पाप, और पाप का फल अपच और रोग ।
जीवन का प्रत्येक कृत्य पाप और पुण्य से जुड़ा है । ऐसा मत सोचिये कि पाठ-पूजा और सामायिक कर लेने से पुण्य मिल जाएगा ।
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