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उस स्थान का क्या मूल्य रह जाएगा। एक मन्दिर का महत्व तभी तक है, जब तक वहां पुजारी है, श्रद्धालु आते हैं। जब कोई नहीं जाएगा तो वह खण्डहर मात्र रह जाएगा।
___ तुम जीवित हो। तुम्हारे जीवित होने से ही सभी चीजों का महत्व है। तुम मर गए तो तुम्हारे लिए तो सब कुछ अर्थहीन हो जाएगा। तुम खुद मिट्टी हो जाओगे मिट्टी में मिल जानोगे । तुम दौलत कमाते हो, पद-प्रतिष्ठा प्राप्त करते हो, वह सब इस जीवन के कारण ही है। माल रखा है और मालिक चला गया तो माल की क्या कीमत ? रिश्तेदार, परिवार, धन-सभी का अर्थ जीवन के कारण ही है।
एक बात हमेशा याद रखें-किसी भी चीज का मूल्य तभी तक है, जब तक जीवन है । जीवन तभी तक है जब तक हम जीते हैं। जब तक हम जीते हैं तब तक हमें जीवन को उत्सव बनाकर, स्वर्ग बनाकर जीना होगा। जिन्दगी हकीकत है, इसे आनन्द बनाकर जियो । मरोगे तब मरोगे, मृत्यु पर तुम्हारा अधिकार नहीं है लेकिन जब तक जी रहे हो तब तक उत्सव मनाकर जियो ।
मृत्यु पर हमारा अधिकार नहीं है। जन्म हाथ में नहीं है । फिर हम स्वयं के कितने हैं ? इस एक बिन्दु पर सोचें, तभी जीवन का एक मूल्य हमारी समझ में आयेगा। उस मूल्य को हम अपने में आत्मसात् कर पायेंगे।
आज का जमाना विज्ञान का जमाना है। सुख-सुविधाओं का जमाना है। आज हमारे पास बेशुमार सुख-सुविधाएँ हैं । इतनी सुखसुविधाएँ पहले किसी को उपलब्ध नहीं थी। संसार सिकुड़ कर छोटा हो गया है। दूरियां कम हो गई हैं। विज्ञान ने आदमी को सुखसुविधाएँ तो बहुत जुटा दी हैं, लेकिन आदमी भीतर से कितना टूट
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