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कमरा तीसरी मंजिल पर था। उसने समीप खड़े होटल के एक कर्मचारी से कहा कि मेरी घड़ी, चश्मा और रूमाल कमरे में ही रह गए हैं । कर्मचारी ऊपर कमरे में गया और उस बूढ़े की तीनों चीजें लेकर कमरे की बालकनी में आया, जो रिसेप्शन में खुलती थी। उसने ऊपर से ही पहले घड़ी फेंकी, जो बूढ़े के हाथ में न पाकर नीचे गिर गई और टूट गई। तब बूढ़े ने कहा-'चश्मा जरा सँभाल कर फेंकना !' लेकिन चश्मा भी बूढ़े के हाथ में न आ सका और धरती पर गिरकर टूट गया । वह होटल कर्मचारी रूमाल भी फेंकने लगा तो बूढ़े ने कहा-'उसे मत फेंकना ।' चश्मे और घड़ी की तरह कहीं वह भी........।
जो आदमी गर्म दूध से जल जाता है, वह छाछ भी फूंक-फ़क कर पीता है क्योंकि एक नजर में दोनों एक जैसे नजर आते हैं ।
आप जिन्दगी में जहां चूक गए, जहां आपको ठोकर लगी, वे सारी बातें अपने पुत्र को बताइएगा। अपने अनुभव उसके साथ बाँटिएगा। इससे पुत्र आपके और समीप आएगा. अन्यथा वह आपसे हमेशा दूरी रखेगा और दूरी कई तरह की गलतफहमियों को जन्म देती है। मगर हकीकत यह है कि अपनी कमजोरी कोई किसी को नहीं बताना चाहता। आप जहाँ चूक रहे हैं, अपने पुत्र को, मित्रों को जरूर बताइए।
____जीवन के अपने अर्थ हैं। कहते हैं जीवन पहेली है। आसानी से समझ में नहीं आती। जीवन का अर्थ किताबों में नहीं मिलेगा। जो लोग जीवन को समस्या मानते हैं, वे गलती कर रहे हैं। जीवन समस्या नहीं है, रहस्य है । रहस्य को जितना जिप्रोगे वह उतना ही खुलता चला जाएगा। किताबों में आपको एक-दो बिन्दु मिल जाएंगे, लेकिन अर्थ नहीं मिल पाएगा।
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