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________________ सब । वे इस बात से बेखबर हैं कि अगली बारी उनकी भी हो सकती है । हर-एक यही सोच रहा है कि कोई दूसरा मर रहा है । थोड़ी देर में सभी मुर्गों का एक ही हाल होता है। चारों तरफ निस्तब्धता छा जाती है। यह कोई कहानी मात्र नहीं है । यह जिदगी है । उन मुर्गों की तरह हमारी भी जिन्दगी हलाल होती जा रही है। आज दायीं तरफ वाले मकान का मालिक गया। परसों बायीं तरफ वाले ने दुनियां छोड़ी थी, कल हमारी भी बारी आयेगी। इसलिए यह घटना जीवन का सत्य उजागर करती है। एक जिन्दगी कैसे इतने रूप बदल लेती है। इसी जिन्दगी में आनन्द है, खुशियां हैं। और यही जिन्दगी मुसीबतों का भी कारण है । जो जिन्दगी अभी परेशानी है, कुछ क्षण बाद ही वह आनन्द बन जाती है । जो आनन्द है, थोड़ी देर में परेशानी में बदल जाता है। __मछुआरे ने कांटा डाला। मछली आई, उसे आटा नजर अाया। आटे के लालच में वह कांटे की तरफ बढ़ी। जब कांटे में उसका मुह फंस गया, तब उसे होश आया कि वह तो कांटा था, आटा तो दिखावटी था । यही तो जिन्दगी की कहानी है। दो मिनट पहले जो आनन्द था, कुछ ही देर में वह कष्ट का कारण बन गया। मेरे देखे, जीवन के ताने-बाने में कोई अन्तर नहीं है। जीवन की राह से गुजरते तो सभी हैं। सभी का जीवन एक ही चेतना, स्नायुतन्त्र से बना है । कहीं कोई फर्क नहीं है । सबकी जिन्दगी एक जैसी है । सुख-दुःख सबकी जिन्दगी में आते हैं । जिस मार्ग से महावीर, गाँधी जैसे महापुरुष पाए, उसी मार्ग से चंगेजखान, हिटलर जैसे आततायी शासक भी पाए । आकाश से कोई नहीं टपका। अवतार भी मां की कोख से आए और तीर्थंकर के आने का मार्ग भी वही है । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003889
Book TitleSamay ki Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year1995
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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