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मार्ग तथा मार्गफल
मेरे प्रिय आत्मन् !
महावीर के वक्तव्य किसी सद्ग्रंथ के उपदेश नहीं हैं, वरन्जीवन की वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक प्रस्तुति हैं। महावीर के उपदेश न केवल अतीत में ही उपयोगी रहे हैं, वरन् उनकी प्रासंगिकता आज भी बरकरार है। धरती पर जब तक कोई भी मनुष्य बुद्धि और हृदय के द्वारा जीवन की राहों को पार करता रहेगा, तब तक महावीर के उपदेशों और सिद्धांतों की उपयोगिता निर्विवाद बनी रहेगी। ___ यदि कोई भी धर्म, कोई भी महापुरुष अपनी बात प्रस्तुत करते समय उससे जुड़े वैज्ञानिक पहलू को भी साथ लेकर चलता है तो ऐसा नहीं है कि उस बात या तथ्य को केवल उस धर्म या उस महापुरुष के अनुयायी ही स्वीकार करें, वरन् वह बात समग्र मानवजाति के लिए आचरण और अनुकरण करने योग्य है। ___ अगर आज महावीर के कुछ सिद्धांत समग्र मानव जाति के लिए उपयोगी
और समर्थनीय बने हुए हैं तो इसका कारण यह है कि उन सिद्धांतों के पीछे छिपी हुई मनोवैज्ञानिकता को आज के वैज्ञानिकों ने सिद्ध कर दिया है। यदि महावीर के कुछ सिद्धांत या बातें आज सिद्ध नहीं हो पाई हैं तो उसका मूल कारण यही है कि उन बातों को स्वीकार करने वालों या उनका समर्थन करने वाले महानुभावों ने उनकी वैज्ञानिकता को सिद्ध करने का उपक्रम ही नहीं किया है।
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