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________________ है। जेलर आश्चर्यचकित हुआ। उसने कहा - तुम जानते हो आज तुम्हें फाँसी दी जाने वाली है; तुम्हारा शरीर तो मरने ही वाला है ऐसी स्थिति में मैं समझ नहीं पा रहा कि तुम्हें योग करने की क्या ज़रूरत है, किस कारण से तुम यह सब कर रहे हो? रामप्रसाद ने कहा - मुझे पता है आज मैं नश्वर देह का त्याग करने वाला हूँ। इसीलिए दस मिनट अधिक योग कर रहा हूँ ताकि मेरा मनोबल कमज़ोर न हो। भला जिस योग का मैं जीवन भर निर्वाह करता रहा हूँ उसका मरते समय कैसे त्याग कर दँ। योग करके मरूँगा। ईश्वर को भी लगना चाहिए कि उसके पास चलता-फिरता स्वस्थ व्यक्ति शहीद होकर आया है। बिस्मिल की बात को उनकी जेल का जेलर भी सेल्यूट मारने से न रोक सका। उसे अहसास हुआ कि मृत्यु को भी ऊर्जा के साथ प्राप्त करने के लिए योग आवश्यक है। ____ मैं अपनी बात बताता हूँ - दस-पन्द्रह वर्ष पूर्व मुझे कभी कफ रहा करता था, कभी चक्कर आ जाया करते थे, कभी नकसीर चल जाती थी, कभी शरीर में अधिक ऊष्णता बढ़ जाने के कारण खुजली हो जाती थी, लेकिन जब से मैने योग को शरीर के साथ भी जोड़ा है तब से दवाएँ लेने के अवसर अत्यंत कम आए हैं। जहाँ तक मुझे याद है पिछले पांच साल में मैंने किसी तरह की दवा का सेवन नहीं किया। जो व्यक्ति प्रतिदिन आधा घंटा योग करेगा उसके शरीर में ऊर्जा का स्तर इतना हो जाता है कि रोग-प्रतिरोधक-क्षमता स्वयमेव बढ़ जाती है। जैसे लोहार चूल्हे में धौंकनी से इतनी हवा भर देता है कि थोडे से कोयले भी इतनी तीव्रता से जल उठते हैं कि लोहे जैसी कठोर धातु को भी पिघला देते है। हम भी लोहार की धौंकनी जैसे हो जाएँ और अपने शरीर को योग व प्राणायाम द्वारा ऊर्जा से भर लें। हमारी देह कितनी भी सुन्न या निष्क्रिय हो गई हो अथवा बुढ़ापा दस्तक दे रहा हो तब भी लुहार की धौंकनी से प्रेरणा लें, प्रतिदिन पन्द्रह मिनट प्राणायाम करें। लाभ ज़रूर होगा। प्राणवायु से हृदय मज़बूत होता है, शरीर में रक्त, अस्थि, मज्जा सभी का स्वस्थ निर्माण होता है। योग और प्राणायाम हमें सदाबहार निरोगी रखने में एक वरदान, एक चमत्कार और एक सहयोगी के रूप में मददगार बन सकते हैं। योग का दूसरा संबंध प्राणों के साथ है। योग प्राणों को स्वस्थ व ऊर्जावान बनाता है, फिर हमारे प्राण चाहे शरीर से, चाहे हृदय से, चाहे नाभि या मस्तिष्क से जुड़े हों। जिस तरह बैटरी को चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिक प्लग में लगाया जाता है उसी तरह अपनी अंदरूनी निष्क्रिय कोशिकाओं को सक्रिय करने के लिए प्राणायाम का उपयोग करना चाहिए। आप देखते हैं साइकिल के ट्यूब में हवा भरी जाती है और वह दो-तीन व्यक्तियों का भार आसानी से वहन कर लेती है। हवा अर्थात् | 19 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003887
Book TitleYoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages194
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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