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________________ व्यवस्था दो, होश लाओ। जहाँ चलकर पहुँचा जा सकता है, वहाँ दौड़कर न पहुँचा जाए। बेहोशीपूर्वक मौन से, होशपूर्वक बोलना कहीं ज्यादा अच्छा है। सूत्र है जागरिया धम्मीणं, अहम्मीणं च सुत्तया सेया 1 वच्छाहिवभगिणीए, अकहिंसु जिणो जयंती ॥ जब भगवान महावीर वत्स देश में थे तो वहाँ के राजा शतानीक की बहन जयंती ने भगवान से पूछा कि जगे कौन और सोए कौन ? तब भगवान ने कहा, ‘जागरिया धम्मीणं, अहम्मीणं च सुत्तया सेया ।' धार्मिक जागा हुआ श्रेष्ठ है और अधार्मिक सोया हुआ है। धार्मिक जागेगा तो जग का कल्याण ही करेगा और अधार्मिक अकल्याण करेगा । 'ज्ञानं मदाय, धनं मदाय, शक्ति परेसां पर पीडनाय । खलस्य साधु विपरीत वर्ते ज्ञानाय, दानाय च रक्षणाय ।।' अधार्मिक को अगर ज्ञान मिल जाए तो वह ज्ञान के अहंकार से भर जाएगा, धन आ जाए तो मद करेगा और शक्ति मिलने पर दूसरों को पीड़ा देगा। इसलिए भगवान कहते हैं कि धार्मिक का जागना श्रेयस्कर है और अधार्मिक का सोना श्रेयस्कर है, क्योंकि बुद्ध, राम और नानक जागेंगे तो कल्याण करेंगे और कंस, हिटलर, नादिरशाह, चंगेज खाँ जागेंगे तो विनाश करेंगे। इसलिए ऐसे लोग सोये रहें तो दुनिया का भला है I उसे कहते हैं तैमूरलंग सुबह दस बजे से पहले नहीं उठता था । उसने एक फकीर से पूछा कि मेरे दरबारी और सभी लोग कहते हैं कि इतना आलस्य ठीक नहीं है, क्या मुझे जल्दी उठना चाहिए, आपका क्या विचार है । फकीर तैमूर से कहा कि तू जीवन भर सोया रहे तो अच्छा है। तैमूर चौंक गया, गुस्सा भी आया और सैनिक को आदेश दिया कि फकीर को बंदी बना लो। फकीर ने कहा, 'तैमूर, इंसान को बंदी बना लेने से सत्य बंदी नहीं हो जाता, किसी का गला घोंटने से सत्य दबता नहीं है, किसी को मार डालने से सत्य मरता भी नहीं है। सत्य अपनी रक्षा स्वयं करता है । तुम जैसे लोग जगेंगे तो संतों को बंदी ही बनाओगे, तुम्हारा सोना ही श्रेयस्कर है। तैमूर जैसे लोग सोए ही रहें, इसी में सबका भला है । जितनी देर सोए, उपद्रव कम, अन्यथा शक्ति भी गलत हाथों में पड़ने पर खतरनाक सिद्ध होती है । धार्मिक जगे, अधार्मिक सोए Jain Education International For Personal & Private Use Only 43 www.jainelibrary.org
SR No.003886
Book TitleDharm Aakhir Kya Hai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages162
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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