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चाऊ-शेस्कु जिसने रुमानिया में अस्सी हजार लोगों का कत्ल कर डाला, तंग शाओ फिंग, ली फांग जिसने चीन में श्येन-आन-मन चौक में पन्द्रह हजार विद्यार्थियों का
खून बहा दिया, स्टेलिन जिसने छ: करोड़ रूसियों को मौत के घाट उतार दिया, हिटलर ने पूरे विश्व में तहलका मचा दिया, जलियाँवाला बाग कांड का डायर, चंगेज खान, तैमूर लंग, नेपोलियन- इन सभी ने जघन्य क्रूरताओं का इतिहास रचा है। इनके कृत्यों के बारे में पढ़ें तो रोंगटे खड़े हो जाएँ। लेकिन यह सब क्यों हुआ? क्योंकि इनके दिन हिंसक थे, अधार्मिक थे। वे दिन-रात मानवता की हत्या में रत रहते थे। इसलिए उनके दिन भी निष्फल हुए और रातें भी निष्फल गईं। __हम अपनी रातों को सफल बनाना चाहते हैं तो अच्छा होगा कि दिनों को सफल करें। दिन आप सफल बनाइए, रातों को सफल बनाने में मेरी शुभकामनाएँ काम करेगी। भगवान करे आपकी रात्रि पूर्णतः सात्विक, पवित्र और निर्मल हो। भगवान आपकी रातों को दिन का प्रतिबिम्ब बनाए। दिन यदि उज्ज्वल होगा तो रात चाहे जितनी अंधियारी हो प्रकाश का संदेश लेकर ही आएगी। रात जितनी अंधियारी होती है, प्रभात उतना ही सुनहरा और प्यारा होता है। आप की रात और प्रभात दोनों उज्ज्वल हों,इसी शुभकामना के साथ।
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