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________________ कैसे करें ভীসুল आध्यात्मिक प्रबंधन महापुरुषों का सौन्दर्य उनकी आध्यात्मिक ऊँचाइयाँ, उनकी पवित्र वाणी की खुशबू हमारे चित्त को सौम्य-सुरम्य बना देती है। सारे महापुरुष महान हैं, किन्हीं दो महापुरुषों के बीच में तुलना करना ऐसे ही है जैसे दो जलते हुए दीयों के बीच तुलना की जा रही हो, जिनकी ज्योति एक जैसी हो। वे अस्तित्व के हिसाब से भले ही भिन्न हों फिर भी दोनों एकसमान हैं। सारा भेद मिट्टी के तल पर या आकार-प्रकार पर हो सकता है, पर ज्योति के स्तर पर कोई भेद नहीं होता। फिर चाहे राम हो या कृष्ण, महावीर हो या बुद्ध, मोहम्मद हो या क्राइस्ट - ये सब ऐसे ही हैं जैसे दुनिया के बगीचे में खिले हुए अलग-अलग फूल, या दुनिया को जगमगाने वाले अलग-अलग नक्षत्र । लेकिन जब हम महावीर की बात करते हैं तो उनका अलग स्वाद है, अलग प्रकाश है, उनका अपना आकाश है, उनकी अपनी ज़मीन है, धरातल है और अपनी ही तरह के खिले हुए फूल भी हैं। फूल तो सभी सुन्दर होते हैं लेकिन कमल का आनन्द कुछ और है। कमल विमुक्ति का, अनासक्ति का प्रतीक है। महावीर भी किसी कमल की तरह हैं, श्वेत कमल की तरह, स्वर्ण कमल की तरह। जिसे देखते ही चित्त में उज्ज्वलता, निर्मलता साकार होने लगती है। जिसका ध्यान करो तो चित्त में २६१ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003880
Book TitleMahavir Aapki aur Aajki Har Samasya ka Samadhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages342
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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