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बदल दिए। अपनी जमा पूँजी बहु की खुशी के लिए खर्च कर दी। घर के कुछ सदस्यों ने जब आपत्ति करनी चाही तो दादाजी ने कहा- मुझे यह जमा पूँजी कौनसी अपने साथ ले जानी है। जो संपत्ति संतति के काम न आ सके वो संपत्ति कैसी !
जैसे उस दादीजी ने अपने घर को टूटते हुए बचा लिया, वैसे ही अगर आप भी ऐसी कोई सकारात्मक पहल करते हैं तो आपके घर में भी हर रोज़ होली, दिवाली की खुशियाँ आ सकती हैं।
चौथा मंत्र है : स्वयं को हँसमुख एवं शांतिप्रिय बनाएँ। पॉज़िटिव थिंकिंग का फार्मूला हमें इस बात के लिए प्रेरित करता है कि शांत स्वभाव स्वर्ग का जनक होता है, अशांत स्वभाव नरक की खान । शांत स्वभाव का व्यक्ति तो दुश्मन को भी प्रिय लगता है। सच्चाई तो यह है कि जिसके स्वभाव में शांति के फूल खिले हुए रहते हैं उसका कोई दुश्मन भी नहीं होता । उसका मूड और मिजाज हमेशा पॉज़िटिव रहता है । नेगेटिव स्वभाव वालों को ही क्रोध ज़्यादा आता है। अगर हम लोग विश्व-शांति में विश्वास रखते हैं तो हमें स्वयं को शांतिप्रिय बना लेना चाहिए। मैं तो कहूँगा आपका नाम जो कुछ हो, आप अपना उपनाम शांतिप्रिय रख लें। शांत नेचर का आदमी बुरा करने वालों के प्रति भी शुभकामना और सद्भावना से भरा हुआ रहता है। दुश्मन के प्रति भी सद्भावना रखना इसी का नाम है पॉज़िटिव थिंकिंग ।
सदा सर्वदा मुस्कुराते रहो। प्रभु के आशीर्वाद आपके साथ हैं । अच्छा होगा आप अपनी गाड़ी के काँच पर यह मंत्र लिखवा ही लीजिए - 'स्माइल प्लीज ।' जेब में भले ही न हो मोबाइल पर चेहरे पर ज़रूर रखिए स्माइल । ज़रा मुस्कुराइए तो...! देखा, कैसा गुलाब का फूल खिल उठा। बहुत ज़्यादा भी मत मुस्कुराइएगा, नहीं तो यह गुलाब का फूल गोभी का फूल बन जाएगा। चलिए, थोड़ा मुस्कुरा लेते हैं ।
एक आदमी तीन मंज़िले मकान के नीचे से गुजर रहा था कि तभी उसके सिर पर थोड़ा-सा पानी आकर गिरा। उस आदमी ने चिल्ला कर कहा - अरे, पानी क्यों फैंक रहे हो? तीसरी मंज़िल पर खड़ी औरत ने कहा- पानी कहाँ गिरा रही हूँ। मैं तो पोते को पेशाब करवा रही हूँ ।
एक लड़का एक साथ दो-दो रोटियाँ खा रहा था। यह देख दूसरे लड़के ने
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