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जब भूख लगे, तब ही खाएँ। भूख से थोड़ा कम भोजन करें। अधिक खाने से प्रमाद होता है, आलस्य आता है। पेट भी ख़राब होगा और जेब भी। क्योंकि यदि हम बीमार पड़े तो डॉक्टर के पास भी जाना पड़ेगा। अत: डॉक्टर से बचने का एक ही उपाय है शुद्ध, सात्विक और संयमित आहार।
स्वस्थ रहने के गुर आपके अपने पास हैं। स्वास्थ्य की कुंजी, स्वास्थ्य की चाबी आपके अपने साथ है। उपयोग कीजिए और स्वास्थ्य के बंद ताले खोलिए। प्रकृति के साथ जुड़िए। पाँच तत्त्वों से बने हुए इस शरीर को पाँच तत्त्वों के साथ जोड़कर रखिए। पाँच तत्त्वों का संतुलन ही स्वास्थ्य का आधार है। सात्विक भोजन लीजिए और अपने रसोईघर को साफ, स्वच्छ और सौम्य रखिए। संयमित और संतुलित आहार ही स्वास्थ्य का राज़ है।
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